यूपी में गर्मी की छुट्टियों को लेकर एक बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस बार गर्मी की बढ़ती तीव्रता और हीटवेव के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 75 जिलों के सरकारी स्कूलों में 20 मई 2025 से गर्मी की छुट्टियों की घोषणा कर दी है। ये छुट्टियां मौसम के हालात को देखते हुए 15 जून या 30 जून तक जारी रह सकती हैं। यह निर्णय स्कूली बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।

हालांकि, छुट्टियों के इस दौर में भी बच्चों की रचनात्मकता और प्रतिभा को निखारने के लिए राज्य के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। ये कैंप 20 मई से 15 जून तक चलेंगे और प्रतिदिन प्रातःकालीन पाली में डेढ़ घंटे की अवधि के होंगे।

समर कैंप में इन गतिविधियों पर फोकस

समर कैंप के तहत बच्चों को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें खेलकूद, योग, विज्ञान-तकनीक आधारित प्रयोग, कला-संस्कृति, पर्यावरण जागरूकता, जीवन कौशल और व्यक्तित्व विकास जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इस अभिनव पहल के माध्यम से बच्चों में रचनात्मक सोच, सामाजिक जिम्मेदारी और आत्मविश्वास विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।

चयनित विद्यालयों में ही लगेगा समर कैंप

गर्मी को ध्यान में रखते हुए इन कैंपों का आयोजन सभी स्कूलों में नहीं, बल्कि हर ब्लॉक के चयनित परिषदीय विद्यालयों में किया जाएगा। इन कैंपों को संचालित करने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को सौंपी गई है। वे स्थानीय विद्यालयों के शिक्षकों के साथ मिलकर कैंप की गतिविधियों को सुनिश्चित करेंगे।

200 करोड़ रुपये का होगा खर्च, मिड-डे मील भी

राज्य सरकार ने समर कैंप के सफल संचालन के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। कैंप में भाग लेने वाले बच्चों को मिड-डे मील योजना के तहत पोषक आहार भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, आसपास के स्कूलों के विद्यार्थी भी इन कैंपों में भाग ले सकेंगे, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके।

निजी स्कूल भी मौसम के अनुसार ले सकते हैं फैसला

इस बीच, प्रदेश के निजी स्कूलों को भी गर्मी की छुट्टियों की घोषणा करने की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन उन्हें यह निर्णय मौसम और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लेना होगा। राज्य सरकार के इस कदम की शिक्षाविदों और अभिभावकों द्वारा सराहना की जा रही है। उनका मानना है कि इससे बच्चों का समग्र विकास होगा और वे छुट्टियों के दौरान भी सीखते रहेंगे।

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