इन नए स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड मशीन, ऑक्सीजन सपोर्ट यूनिट, जनरल ओपीडी, महिला एवं प्रसूति सेवाएं, टीकाकरण केंद्र, आपातकालीन सेवा और आधुनिक जांच सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्सों की भी तैनाती की जा रही है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
किन जिलों को मिली नई सौगात
सरकार की इस स्वास्थ्य पहल का लाभ उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, रायबरेली, प्रयागराज, मीरजापुर, महराजगंज, मऊ, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, हरदोई, चन्दौली, बलरामपुर, बरेली और मेरठ जिलों को मिला है। इन क्षेत्रों में पहले स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था, और मरीजों को इलाज के लिए 30-40 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था।
सीएम योगी का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में परेशान न हो, खासकर गांवों और दूरदराज के इलाकों में। हम प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या तो बढ़ा ही रहे हैं, साथ ही उनकी गुणवत्ता भी सुधार रहे हैं।”
फ्री इलाज के लिए पहले से चल रही योजनाएं
गौरतलब है कि यूपी सरकार पहले ही ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’, ‘आयुष्मान भारत योजना’ और ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ जैसी योजनाओं के जरिए लाखों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है। अब नए सीएचसी के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और मजबूत होगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं का विकेंद्रीकरण, गांवों को राहत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे ना केवल ग्रामीणों को समय पर इलाज मिलेगा, बल्कि बड़ी संख्या में मरीजों का शहरों की ओर पलायन भी रुकेगा और लोगों को काफी फायदा होगा।
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