नई व्यवस्था के तहत अब नगर निकाय की सीमा में बिना अनुमति के पार्किंग ठेका चलाने वालों पर न्यूनतम 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अवैध पार्किंग से अगर किसी ने ज्यादा मुनाफा कमाया है, तो जुर्माने की राशि उस कमाई के हिसाब से और बढ़ाई जा सकती है। नगर निगम अधिनियम के तहत यह प्रावधान किया गया है।
नगर आयुक्त को मिले विशेष अधिकार
इस नियमावली के तहत नगर आयुक्त को अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई के विशेष अधिकार दिए गए हैं। वे यह जांच भी कर सकते हैं कि अवैध पार्किंग कितने समय से संचालित हो रही है और उससे कितनी आमदनी हुई है। आवश्यकता पड़ने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकेगी।
लाइसेंस धारकों पर भी रखी जाएगी नजर
नियमों का उल्लंघन करने वाले लाइसेंसधारी पार्किंग संचालकों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो शहर में बने सभी अधिकृत पार्किंग स्थलों का निरीक्षण करेगी और आम नागरिकों से फीडबैक भी लेगी।
यूपी के शहरों में बेहतर सुविधा, सख्त व्यवस्था
सरकार का उद्देश्य न केवल अवैध पार्किंग पर रोक लगाना है, बल्कि शहरवासियों को बेहतर और सुरक्षित पार्किंग सुविधाएं उपलब्ध कराना भी है। इसके लिए सभी नगर निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पार्किंग की स्थिति की समीक्षा कर उचित व्यवस्था करें।
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