भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की ओर बड़ा कदम
यह निर्णय सरकार की "भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत लिया गया है। अब कर्मचारियों को ट्रांसफर के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। न तो किसी की सिफारिश चलेगी, न ही कोई अवैध लेन-देन होगा। ऐप के माध्यम से ट्रांसफर की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से पूरी होगी।
ऐसे होगी ट्रांसफर प्रक्रिया:
संविदा परिचालक ऐप पर म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए आवेदन करेंगे। संबंधित कर्मचारी का नाम सिस्टम में फीड हो जाएगा। म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए इच्छुक अन्य कर्मचारियों की सूची ऐप पर दिखेगी। आपसी सहमति से चयन के बाद ऑनलाइन अप्रूवल मिल जाएगा। फिजिकल अपीयरेंस की जरूरत नहीं, जिससे भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत
इस निर्णय से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात हैं और अपने गृह जनपद या नजदीकी स्थानों पर कार्य करना चाहते हैं। इससे उनकी छुट्टियों में कटौती होगी और बसों का संचालन भी नियमित और बेहतर होगा।
कौन करा सकेगा म्यूचुअल ट्रांसफर?
कम से कम 6 माह की सेवा पूरी कर चुके हों।
कर्मचारी के खिलाफ कोई न्यायिक मामला लंबित न हो।
परिचालक ने 30,000 किलोमीटर की दूरी तय कर ली हो।
ईपीएफ या वेतन भुगतान संबंधी कोई लंबित मामला न हो।
सिक्योरिटी राशि नए सेवा प्रदाता को ट्रांसफर की जाएगी।
कर्मचारी के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का मामला लंबित न हो।
सेवा प्रदाता की ओर से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्रस्तुत किया जाए।
0 comments:
Post a Comment