यूपी में किसानों को मिलेगी बंपर सब्सिडी, उठाएं लाभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हित में एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। राज्य में अब गन्ने की खेती करने वाले किसानों को कीटनाशक दवाएं भारी सब्सिडी के साथ कम दामों में उपलब्ध कराई जाएंगी। इस कदम से प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। किसानों की लागत घटाने और पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने इफको और गन्ना विकास विभाग के सहयोग से यह योजना लागू की है।

हाल ही में प्रमुख सचिव (चीनी उद्योग) वीणा कुमारी मीणा की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया कि इफको मेक क्राफ्ट साइंस लिमिटेड की तरफ से गन्ना समितियों के माध्यम से किसानों को शिमो, काशिमा और शिरासागी ब्रांड की कीटनाशक दवाएं अब पहले से काफी कम कीमतों पर दी जाएंगी।

अब जानिए दवाओं की नई कीमतें

शिमो (150 मिली): पहले ₹1200, अब ₹885

शिमो (60 मिली): पहले ₹500, अब ₹390

काशिमा (1000 ग्राम): पहले ₹180, अब ₹140

काशिमा (4000 ग्राम): पहले ₹650, अब ₹520

शिरासागी (100 ग्राम): पहले ₹900, अब ₹755

आपको बता दें की इन नई दरों के अतिरिक्त सरकार किसानों को इन उत्पादों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दे रही है। इसका मतलब है कि किसानों को ये दवाएं अब और भी सस्ती मिलेंगी। इसको लेकर सरकार के द्वारा दिशा निर्देश भी जारी कर दिया गया हैं। 

खेती की लागत में कटौती, पैदावार में बढ़ोतरी

सरकार का मानना है कि इन रियायती दरों से गन्ना किसान समय पर खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकेंगे। इससे न सिर्फ फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि प्रति एकड़ पैदावार में भी इजाफा होगा। कम लागत और बेहतर उत्पादन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। गन्ना विकास समिति संघ की ओर से सभी क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों और जिला गन्ना अधिकारियों को इन नई दरों को लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, ताकि योजना का लाभ जमीनी स्तर पर हर किसान तक पहुंच सके।

सरकार की मंशा – किसान हो आत्मनिर्भर

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय प्रधानमंत्री के "आत्मनिर्भर किसान" के विजन की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में यह पहल गन्ना किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। संबंधित दवाएं अपनी नजदीकी सहकारी गन्ना समिति से निर्धारित नई दरों पर प्राप्त की जा सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय गन्ना अधिकारी या समिति से संपर्क करें।

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