यूपी में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए नई पहल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 21 मई से 15 जून 2025 तक विशेष समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य गर्मी की छुट्टियों में भी बच्चों की रचनात्मकता, अधिगम क्षमता और सामाजिक कौशल का विकास सुनिश्चित करना है।

समर कैंप की विशेषताएं

इस समर कैंप में छात्र-छात्राओं को खेल, कला, विज्ञान, कहानी लेखन, योग, संगीत और जीवन कौशल जैसे विविध क्षेत्रों में भागीदारी का अवसर मिलेगा। यह न केवल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उन्हें विद्यालय से जुड़े रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की भूमिका

इस योजना की सफलता में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। सरकार ने इन अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ताओं की सेवाएं लेकर यह सुनिश्चित किया है कि समर कैंप गुणवत्तापूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संचालित हो सके। बता दें की अब तक शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का अनुबंध 11 माह का होता था, और गर्मी की छुट्टियों में उन्हें मानदेय नहीं दिया जाता था। लेकिन इस वर्ष सरकार ने एक सराहनीय निर्णय लेते हुए समर कैंप के संचालन हेतु उन्हें विशेष मानदेय देने की घोषणा की है।

विशेष मानदेय का भी प्रावधान किया गया हैं

इस योजना के अंतर्गत शिक्षामित्रों को पूर्व निर्धारित ₹10,000 के बजाय ₹6,000 तथा अनुदेशकों को ₹9,000 के स्थान पर ₹6,000 का विशेष मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह प्रावधान न केवल उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उनकी भूमिका को औपचारिक रूप से मान्यता भी देगा। सरकार द्वारा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि यह केवल एक अस्थायी उपाय नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की एक दीर्घकालिक सोच का हिस्सा है।

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