मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब 08 प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों में तीन दिवसीय दौरे पर भेजे जाएंगे। साथ ही, 108 विशेष सचिवों को आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात किया जाएगा। इन अधिकारियों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे यह मूल्यांकन करें कि सरकारी योजनाएं ज़मीन पर कितनी कारगर साबित हो रही हैं और जनता को इसका लाभ कितना मिल रहा है।
खाली पदों को भरने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक मशीनरी को सशक्त करने के लिए निर्देश दिए कि विकास खंडों में BDO, CDO, डॉक्टर, पशु चिकित्सक, पंचायत अधिकारी और शिक्षाधिकारी जैसे अहम पद किसी भी हालत में खाली न रहें। जहां भी पद रिक्त हैं, वहां तत्काल तैनाती की जाए।
विकास का बनेगा राष्ट्रीय मॉडल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी गांव, ब्लॉक या व्यक्ति विकास के लाभ से वंचित न रह जाए। आकांक्षात्मक जिलों और विकास खंडों को एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में खड़ा किया जा रहा है, जो "सबका साथ, सबका विकास" और "अंत्योदय" के मूल मंत्र को ज़मीन पर साकार कर रहा है।
पिछड़े क्षेत्रों में पहुंच रहा विकास
सीएम योगी ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि यह पहल नीति आयोग के सहयोग से संचालित आकांक्षात्मक जनपद कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य है—गरीब, वंचित और पिछड़े तबकों तक विकास की पहुंच सुनिश्चित करना। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह कार्यक्रम अंत्योदय की भावना को मूर्त रूप देने का प्रयास है, जो यह सुनिश्चित करता है कि अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचे।”
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