सरकार का यह कदम किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। इस योजना का लाभ उठाकर किसान हाईटेक मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित कर सकेंगे, जिससे वे व्यावसायिक स्तर पर मशरूम की खेती करके अच्छी आमदनी कर सकें।
जानिए क्या-क्या मिलेगा अनुदान में?
नए संशोधित प्रावधानों के अनुसार, मशरूम यूनिट की स्थापना के लिए कुल ₹30 लाख तक की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है: इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए: ₹12 लाख, कंपोस्ट मेन्योर यूनिट के लिए: ₹12 लाख और स्पॉन मेकिंग (बीज उत्पादन) के लिए: ₹8 लाख
बता दें की इससे पहले इस योजना के तहत किसानों को केवल ₹20 लाख तक की सब्सिडी मिलती थी। उस समय इंफ्रास्ट्रक्चर और कंपोस्ट मेन्योर के लिए ₹8-8 लाख और स्पॉन मेकिंग के लिए ₹4 लाख की राशि दी जाती थी। लेकिन अब सब्सिडी की राशि में 50% तक की बढ़ोतरी की गई है।
क्यों किया गया बदलाव?
सरकार का मानना है कि उत्तर प्रदेश के किसानों में मशरूम की खेती को लेकर रुचि तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें आधुनिक संसाधनों और तकनीकी सहायता की जरूरत है। नई सब्सिडी नीति से किसानों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, उच्च गुणवत्ता वाले कंपोस्ट और मशरूम बीज उत्पादन की सुविधाएं मिलेंगी। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान राज्य कृषि विभाग या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। किसानों को अपने जमीन संबंधी दस्तावेज, परियोजना रिपोर्ट और पहचान प्रमाण जमा करने होंगे।
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