भारत की मिसाइल शक्ति: अब स्पेस में भी दुश्मनों की खैर नहीं!

नई दिल्ली: भारत अब रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक मजबूत देश बन गया हैं। एक रिपोर्ट के मुताबित भारत आज के समय में दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जो अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखते हैं। यह भारत की बढ़ती स्पेस डिफेंस कैपेबिलिटी का ठोस प्रमाण है।

क्या है एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल?

एंटी-सैटेलाइट मिसाइल एक ऐसी उन्नत मिसाइल प्रणाली होती है जिसे अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये मिसाइलें धरती से लॉन्च की जाती हैं और अत्यधिक सटीकता के साथ उच्च गति पर जाकर सैटेलाइट को टक्कर मारती हैं, जिससे वह निष्क्रिय या पूरी तरह नष्ट हो जाता है।

भारत का मिशन शक्ति

27 मार्च 2019 को भारत ने "मिशन शक्ति" के तहत अपनी पहली ASAT मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जिसमें एक भारतीय लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक मार गिराया गया। यह ऑपरेशन केवल 3 मिनट में पूरा हुआ और भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया, जिसके पास यह क्षमता है।

क्यों ज़रूरी है ASAT क्षमता?

बता दें की आज के दौर में सैटेलाइट संचार, निगरानी, नेविगेशन और जासूसी के प्रमुख साधन बन चुके हैं। अगर किसी युद्ध में दुश्मन के सैटेलाइट को निष्क्रिय किया जा सके, तो उसकी कम्युनिकेशन और ऑपरेशन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

दरअसल भविष्य में अंतरिक्ष युद्ध (Space War) की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में यह तकनीक भारत को मजबूती देती है। यह क्षमता भारत को संभावित स्पेस-आधारित खतरों से बचाव और जवाब देने की भी ताकत देती है।

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