बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री: नई गाइडलाइन जारी

पटना: जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो अब और सतर्क हो जाइए! बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन खरीदारों (रैयतों) के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जमीन की खरीदारी सिर्फ उसी व्यक्ति से करें जिसकी वैध जमाबंदी हो। सरकार का साफ कहना है कि बिना सही दस्तावेज और जांच-पड़ताल के की गई खरीद फरोख्त से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी उलझनों का भी सामना करना पड़ सकता है।

इन जमीनों की खरीद-बिक्री अवैध

सरकार ने यह भी साफ किया है कि कुछ श्रेणियों की जमीनों की खरीद-बिक्री पूरी तरह अवैध है। इनमें शामिल हैं: बाजार और हाट की जमीन, कब्रिस्तान और शमशान भूमि, सैरात भूमि (सरकारी इस्तेमाल के लिए आरक्षित), मंदिर और मठ की भूमि। ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री कराने की कोशिश करने पर दाखिल-खारिज आवेदन स्वत: खारिज हो सकता है।

इन पोर्टल्स से करें जमीन की जांच

राज्य सरकार ने https://bhumijankari.gov.in पोर्टल की सुविधा दी है, जहां से आप जमीन से जुड़ी जानकारी जैसे – जमाबंदी, स्वामित्व, भूमि की श्रेणी आदि की जांच कर सकते हैं।

सभी जिलों में बिचौलियों से रहें सावधान

विभाग ने आम लोगों को दलालों और बिचौलियों से दूर रहने की चेतावनी दी है। कई बार बिचौलियों द्वारा धोखे से विवादित, सरकारी या प्रतिबंधित जमीनों की बिक्री करवाई जाती है, जिससे खरीदार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

जमीन खरीदने से पहले करें पूरी जांच-पड़ताल

विभाग ने बताया कि दाखिल-खारिज (Land Mutation) आवेदन के अस्वीकृत होने का सबसे बड़ा कारण विवादित जमीन होती है। इसलिए, जमीन खरीदने से पहले उसकी स्वामित्व स्थिति और कानूनी वैधता की जांच जरूरी है। विभाग ने ऑनलाइन जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई है, जिससे आम लोग खुद से यह जांच कर सकते हैं कि जिस जमीन को वे खरीदना चाहते हैं, वह किसी विवाद में है या नहीं।

बंटवारे वाली जमीन को लेकर बरतें विशेष सावधानी

विभाग ने यह भी बताया कि बिना स्पष्ट बंटवारे वाली जमीन की खरीद भी भविष्य में बड़े विवाद का कारण बन सकती है। इसलिए सलाह दी गई है कि बंटवारे के बाद नई जमाबंदी के आधार पर ही जमीन की रजिस्ट्री करें, ताकि कानूनी वैधता बनी रहे।

इन श्रेणियों की जमीनों को खरीदने से पहले रखें ध्यान

भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि जमीन खरीदते समय यह देखना बेहद जरूरी है कि वह जमीन कैसरे हिंद, गैर मजरूआ खास, गैर मजरूआ आम, भूदान, या बंदोबस्ती श्रेणी की है या नहीं। यदि जमीन की श्रेणी स्पष्ट नहीं है या जमाबंदी वैध नहीं है, तो ऐसी जमीन की रजिस्ट्री कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

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