छोटे प्लॉट, बड़ी सुविधा
अब तक घर बनाने के लिए प्लॉट का नक्शा पास कराना जरूरी होता था, लेकिन अब 1000 वर्गफीट तक के रिहायशी प्लॉट पर निर्माण के लिए यह बाध्यता खत्म कर दी गई है। वहीं 5000 वर्गफीट तक के निर्माण कार्यों के लिए यदि प्रमाणित आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट हो, तो अलग से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी।
प्रोफेशनल्स को मिली छूट
नए उपविधियों के अनुसार अब मकान के 25% हिस्से में नर्सरी, क्रैच, होम स्टे या प्रोफेशनल ऑफिस (जैसे डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट) चलाए जा सकते हैं। इसके लिए नक्शे में अलग से उल्लेख आवश्यक नहीं होगा।
NOC के लिए समय सीमा तय
भवन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए अब सभी संबंधित विभागों को 7 से 15 दिन के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देना होगा। यदि तय समय पर उत्तर नहीं मिलता है, तो NOC को स्वतः मान्य माना जाएगा।
ऊंची इमारतों को मिली खुली छूट
राज्य सरकार ने 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर उंची से ऊंची इमारतों के निर्माण को अनुमति दे दी है। साथ ही, फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को 3 गुना तक बढ़ाया गया है, जिससे अब शहरी क्षेत्रों में अधिक फ्लोर वाला निर्माण संभव हो सकेगा।
व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहन
आपको बता दें की यूपी में अब 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर बने रिहायशी इलाकों में दुकान और दफ्तर खोलने की अनुमति दे दी गई है। जबकि कम चौड़ी सड़कों पर डॉक्टर और वकीलों जैसे प्रोफेशनल्स अपने कार्यालय चला सकेंगे।
अपार्टमेंट और कमर्शियल भवनों को मिली हरी झंडी
अब केवल 1000 वर्गमीटर के प्लॉट पर भी अपार्टमेंट बनाए जा सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 2000 वर्गमीटर थी। अस्पताल व कमर्शियल बिल्डिंग के लिए अब केवल 3000 वर्गमीटर का भूखंड पर्याप्त होगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
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