यूपी में बिना लाइसेंस नहीं चलेंगे रेस्टोरेंट और दुकानें, कार्रवाई शुरू

गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के खाद्य व्यवसाय अब नहीं चल पाएंगे। राज्य सरकार के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिले के सभी फूड कारोबारियों को 31 मई 2025 तक लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है। तय समयसीमा के बाद उल्लंघन करने वालों पर लाखों रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

एफएसडीए के सहायक आयुक्त (खाद्य) ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, ताकि व्यापारियों को पंजीकरण की सुविधा सरलता से मिल सके। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।

किसे क्या करना है? जानिए नियम

जिन खाद्य कारोबारियों का वार्षिक टर्नओवर 12 लाख रुपये से कम है, उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। जबकि जिन संस्थानों का टर्नओवर 12 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें लाइसेंस लेना जरूरी होगा। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं।

भारी जुर्माने का प्रावधान

बिना लाइसेंस 12 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले प्रतिष्ठानों पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, 12 लाख से कम टर्नओवर वाले दुकानदारों द्वारा रजिस्ट्रेशन न कराने पर 2 लाख रुपये तक की आर्थिक दंड कार्रवाई हो सकती है।

खाद्य विभाग ने व्यापारियों से अपील की है कि समय रहते रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस प्राप्त कर लें, अन्यथा विभाग सख्त कार्रवाई करने को बाध्य होगा। बता दें की प्रदेश के सभी जिलों में विशेष कैंप लगा कर रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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