मंत्री दूबे ने कहा कि इन खनिजों के अब तक चार ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही इन क्षेत्रों में खुदाई का काम शुरू किया जाएगा। इस खोज को भारत सरकार की 2047 तक खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की रणनीति का अहम हिस्सा बताया गया।
भविष्य के लिए अहम है लिथियम और पोटाश
मंत्री ने बताया कि तांबा, लिथियम और पोटाश जैसे भू-गर्भिक खनिज इलेक्ट्रॉनिक युग के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। वर्तमान में भारत इन खनिजों का आयात करता है, लेकिन बिहार में इसके भंडार मिलने से देश की निर्भरता घटेगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूती मिलेगी।
खनिज राजस्व में जबरदस्त उछाल
कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री और खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड से अलग होने के बाद 2001-02 में बिहार का खनिज राजस्व केवल 41 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 3569 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य सरकार की दूरदर्शिता और नीतिगत सुधारों का परिणाम है।
ई-नीलामी और तकनीक आधारित बदलाव
राज्य में पारदर्शिता और सुविधा के लिए जल्द ही 'बालू मित्र' मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन बालू बिक्री शुरू की जाएगी। इसके ज़रिए उपभोक्ताओं को एक समान दर पर बालू मिल सकेगा। ओवरलोड वाहनों पर सख्ती और समन शुल्क में वृद्धि से राज्य को ओवरलोडिंग की समस्या से लगभग मुक्ति मिल चुकी है, जिसकी प्रशंसा खुद प्रधानमंत्री ने भी की है।
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