घातक ड्रोन से लैस हो रहा भारत, चीन के छूटे पसीने!

नई दिल्ली: भारत अमेरिका से दुनिया का सबसे घातक और एडवांस्ड ड्रोन MQ-9B Reaper (रीपर) की खरीद कर रहा हैं। करीब 32,000 करोड़ रुपए की यह डील 31 हंटर-किलर ड्रोन को लेकर है, जिन्हें भारत की तीनों सेनाओं — थल, जल और वायु — को सौंपा जाएगा। इस डील के तहत इन ड्रोन्स की मेंटेनेंस और रिपेयरिंग की सुविधा देश में ही विकसित की जाएगी, जिससे भारत की लॉन्ग-टर्म ऑपरेशनल क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

MQ-9B Reaper: दुश्मनों का काल

MQ-9B Reaper एक मीडियम एल्टीट्यूड, लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) क्लास का ड्रोन है, जो 40 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर, रडार और मिसाइल सिस्टम लगे होते हैं। 2022 में अमेरिका ने इसी ड्रोन से अफगानिस्तान में अल कायदा के नेता अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया था। इस घटना ने दुनिया को दिखा दिया कि यह सिर्फ निगरानी नहीं, बल्कि सटीक और दूर से घातक हमला करने में भी सक्षम है।

चीन की बढ़ी चिंता, क्योंकि भारत के पास घातक ड्रोन!

चीन के लिए यह डील किसी झटके से कम नहीं है। MQ-9B की रेंज और प्रिसिशन स्ट्राइक कैपेबिलिटी भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक बढ़त देती है। लेकिन क्या दुनिया में सिर्फ अमेरिका ही ऐसा ड्रोन बनाता है? नहीं — कई देश हैं जो MQ-9B को चुनौती देने वाले ड्रोन विकसित कर चुके हैं।

MQ-9B Reaper की खासियतें

1. लंबी उड़ान क्षमता (Endurance)

उड़ान की अवधि: 40 घंटे तक लगातार उड़ान उड़ सकता हैं। यह लंबी निगरानी और हमले के मिशन में बेहद उपयोगी है।

2. बेहद ऊंची ऑपरेटिंग एल्टीट्यूड

ऑपरेटिंग एल्टीट्यूड: 50,000 फीट तक। यह दुश्मन की पहुंच से दूर रहते हुए यह दुश्मन की जासूसी और हमला कर सकता है।

3. बड़ी हथियार ले जाने की क्षमता (Payload)

कुल पेलोड क्षमता: 2,177 किलोग्राम (करीब 2.2 टन), हथियार: Hellfire मिसाइलें, Laser-guided bombs (GBU-12, GBU-38 JDAMs), Air-to-ground और air-to-sea म्यूनिशन

4. अत्याधुनिक सेंसर और निगरानी प्रणाली

AN/DAS-1 Multispectral Targeting System (MTS), हाई-रेजोल्यूशन कैमरा, इन्फ्रारेड, लेजर रेंज फाइंडर, टारगेट डिजिनेशन। यह दिन-रात और हर मौसम में निगरानी कर सकता है।

5. सेटेलाइट कम्युनिकेशन (SATCOM)

यह ड्रोन सैटेलाइट के ज़रिए कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है — जिससे यह किसी भी थिएटर ऑफ ऑपरेशन में तुरंत तैनात हो सकता है।

6. स्वचालित टेकऑफ़ और लैंडिंग

पूरी तरह ऑटोमैटिक टेकऑफ़ और लैंडिंग सिस्टम (ATLS) से लैस, जिससे ऑपरेशन की निर्भरता और जोखिम कम होता है। MQ-9B का Sea Guardian वर्जन नौसेना के लिए खास तौर पर बना है, जो समुद्री सीमाओं की निगरानी और एंटी-सबमरीन ऑपरेशन्स में काम आता है।

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