बिहार में अब पांच साल के लिए होगी बालू घाटों की बंदोबस्ती, निर्माण कार्यों को मिलेगी रफ्तार

पटना। बिहार में निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली बालू की किल्लत अब बीते दिनों की बात हो सकती है। राज्य सरकार के खान एवं भू-तत्व विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए सोन, बटाने, पुनपुन, मदार और अदरी नदियों के करीब 63 बालू घाटों की बंदोबस्ती पांच वर्षों के लिए करने का निर्णय लिया है। अब तक यह प्रक्रिया दो वर्षों के लिए होती थी, लेकिन लंबे समय के लिए बंदोबस्ती किए जाने से निर्माण कार्यों के लिए बालू की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

जिलाधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार, इन बालू घाटों की बंदोबस्ती की अवधि समाप्त हो चुकी थी। ऐसे में विभाग ने इन्हें नए सिरे से बंदोबस्त करने का निर्णय लिया है। बंदोबस्ती की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारियों को दी गई है, जो ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से इस कार्य को पूरा करेंगे।

ई-नीलामी से पारदर्शिता

ई-नीलामी प्रक्रिया से बंदोबस्ती को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाया गया है। इच्छुक ठेकेदारों को निविदा दस्तावेज के लिए 5,000 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। दस्तावेजों को भरकर 5 जून की शाम 5 बजे तक विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसके बाद 10 जून तक बंदोबस्तधारियों का चयन कर लिया जाएगा।

मानसून के बाद शुरू होगा खनन

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी होने और पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद ही खनन कार्य प्रारंभ होगा। अनुमान है कि यह प्रक्रिया मानसून के बाद पूरी होगी, जिसके बाद बालू की आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू की जा सकेगी।

निर्माण कार्यों को मिलेगा बढ़ावा

पांच वर्षों के लिए बंदोबस्ती किए जाने से निर्माण क्षेत्र को स्थायित्व मिलेगा। सरकारी परियोजनाओं के साथ-साथ निजी निर्माण कार्यों में भी बालू की सहज उपलब्धता रहेगी, जिससे देरी और लागत दोनों में कमी आएगी।

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