सीमा पर गरजेगा Tejas Mk1A: भारत का स्वदेशी फाइटर जेट तैयार

नई दिल्ली। भारत अब अपनी वायु सीमाओं की निगरानी और रक्षा के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा चुका है। देश में विकसित स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस Mk1A अब पूरी तरह से डिलीवरी के लिए तैयार है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इस साल भारतीय वायुसेना को 12 तेजस Mk1A जेट्स सौंपने की योजना बनाई है, जिससे भारतीय वायु शक्ति को नई धार मिलेगी।

अमेरिका से इंजन डिलीवरी शुरू

HAL बेंगलुरु और नासिक में इस अत्याधुनिक जेट का निर्माण कर रहा है। खास बात यह है कि नासिक स्थित उत्पादन इकाई का विस्तार कर उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है। इस प्रक्रिया में बड़ी सफलता तब मिली जब अमेरिकी कंपनी GE Aerospace ने तेजस Mk1A के लिए आवश्यक इंजन की आपूर्ति शुरू कर दी। इसके बाद डिलीवरी टाइमलाइन पर काम संभव हो पाया।

क्या है तेजस Mk1A की खासियत?

तेजस Mk1A, भारत में विकसित 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। यह तेजस के मौजूदा संस्करण का उन्नत और ज्यादा शक्तिशाली रूप है। इसमें शामिल हैं: AESA रडार (उत्तम रडार), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD) आदि मौजूद हैं।

वहीं, इस फाइटर जेट्स की स्पीड 2,200 किमी/घंटा हैं। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (I-Derby, Python, R-73), एंटी-शिप मिसाइलें (KH-35, KH-59MK), लेजर-गाइडेड बम और S-8 रॉकेट्स, भविष्य में अस्त्र Mk1, R-77 और रूद्रम मिसाइलें भी इसमें शामिल होंगी।

मेक इन इंडिया की नई उड़ान

तेजस Mk1A केवल एक फाइटर जेट नहीं है, यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की उड़ान है। इसका कॉम्पैक्ट और हल्का डिजाइन इसे न केवल फुर्तीला बनाता है, बल्कि दुश्मन के रडार की पकड़ से भी बचने में मदद करता है। सीमित दूरी की लड़ाइयों के लिए यह एक आदर्श विकल्प है।

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