बिहार में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी में हो रहा फर्जीवाड़ा

पटना। बिहार में शिक्षक उपस्थिति प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली अब फर्जीवाड़े का अड्डा बनती जा रही है। ई-शिक्षा कोष के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की इस व्यवस्था में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी सामने आई है। पटना, मुजफ्फरपुर और वैशाली जैसे जिलों के शिक्षक इस फर्जीवाड़े में सबसे आगे पाए गए हैं।

बता दें की शिक्षा विभाग की ओर से 1026 शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की जांच की गई, जिसमें 76 शिक्षकों की उपस्थिति में अलग-अलग तरीके से गड़बड़ी पाई गई। विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) में इस मामले की गंभीरता से समीक्षा की गई।

जांच में क्या निकला सामने?

पटना जिले में 91 शिक्षकों की हाजिरी की जांच में 17 शिक्षक फर्जी हाजिरी लगाते हुए पाए गए। जबकि वैशाली में 362 शिक्षकों की जांच में 9 शिक्षक दोषी मिले। वहीं, मुजफ्फरपुर में 150 शिक्षकों की जांच में 12 शिक्षकों ने एक ही दिन में फर्जी हाजिरी लगाई। पश्चिम चंपारण में 60 शिक्षकों की जांच में 3 शिक्षक पकड़े गए। जबकि, गया में चार शिक्षकों की जांच में एक शिक्षक निलंबन के बावजूद उपस्थिति दर्ज करता मिला।

दरअसल जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ शिक्षक लगातार कई दिनों तक एक ही कपड़े में दिखाई दिए या केवल गंजी में ऑनलाइन हाजिरी लगाते रहे। इससे यह संदेह और भी मजबूत हुआ कि उपस्थिति की प्रक्रिया में धांधली की जा रही है।

किन जिलों में नहीं हुई जांच?

हालांकि, इस गंभीर मामले में बक्सर, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, नालंदा, नवादा, किशनगंज, कटिहार, मधुबनी और रोहतास जैसे कई जिलों में अभी तक एक भी शिक्षक की ऑनलाइन उपस्थिति की जांच नहीं की गई है। इससे विभागीय सतर्कता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

विभाग की कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नवंबर से ही रैंडम तरीके से शिक्षकों की हाजिरी की जांच शुरू की है। अब तक छह दर्जन से अधिक शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जल्द ही सभी जिलों में ऑनलाइन हाजरी की जांच की जाएगी और फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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