बिहार में इन शिक्षकों की गई नौकरी, कई पर मंडरा रहा खतरा

पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी और विभागीय आदेशों की अवहेलना को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए 556 शिक्षकों पर शिकंजा कसा है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार और जवाबदेही तय करने के लिए की गई इस सख्त कार्रवाई में कुछ शिक्षकों को तत्काल नौकरी से हटा दिया गया है, जबकि कई पर अभी कार्रवाई प्रक्रिया में है।

61 शिक्षक बर्खास्त, 264 निलंबित

शिक्षा विभाग की जांच में दोषी पाए गए शिक्षकों में से 61 को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 264 शिक्षकों को निलंबित किया गया है। यही नहीं, 273 अन्य शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है, जिससे इनकी नौकरी पर खतरा बना हुआ है। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी के हस्ताक्षर से संबंधित आदेश सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को जारी कर दिए गए हैं।

गूगल शीट में अपडेट करें जानकारी

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में बर्खास्त, निलंबित और विभागीय कार्रवाई के तहत आने वाले शिक्षकों की अद्यतन जानकारी ‘गूगल शीट’ में अपलोड करें। यह डेटा समीक्षा और निगरानी के उद्देश्य से एकत्र किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस डेटा का अनुश्रवण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, जिससे जिलों की कार्यप्रणाली पर सीधी निगरानी रखी जा सके।

कई जिलों ने अब तक नहीं दिया आंकड़ा

हालांकि, गूगल शीट-2 में जानकारी अधूरी है। विशेष रूप से अररिया, जमुई, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल और सीवान जैसे जिलों ने अब तक कोई भी आंकड़ा दर्ज नहीं किया है। इससे विभाग ने नाराज़गी जताई है और शीघ्रता से डेटा अपडेट करने को कहा है।

क्यों की गई यह कार्रवाई?

शिक्षा विभाग के अनुसार, यह निर्णय स्कूलों में अनुशासन, शिक्षण गुणवत्ता और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। लंबे समय से अनुपस्थित रहना, शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतना और विभागीय निर्देशों की अनदेखी, इन सभी बिंदुओं पर शिक्षकों के आचरण की समीक्षा की गई।

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