छात्र-शिक्षक अनुपात का होगा सख्त पालन
शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत 40 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान तय है। वहीं विभागीय मानकों के अनुसार, जहां 61 से 90 छात्र हैं, वहां तीन शिक्षक अनिवार्य होंगे। इसी तरह 91 से 120 छात्रों के लिए चार शिक्षक, और 121 से 200 छात्रों पर पांच शिक्षक तैनात करने का प्रावधान है।
कक्षा 6 से 8 के लिए विषयवार शिक्षकों की आवश्यकता भी तय की गई है — विज्ञान व गणित, सामाजिक अध्ययन और भाषा के लिए एक-एक शिक्षक अनिवार्य होगा। इसके अलावा, जिन स्कूलों में 100 से अधिक छात्र हैं, वहां एक स्थायी प्रधानाध्यापक, अंशकालिक शिक्षक, कला, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा शिक्षक की नियुक्ति जरूरी मानी गई है।
टीआई-तीन शिक्षकों की तैनाती
बेतिया सहित कई जिलों में टीआई-तीन शिक्षकों की तैनाती में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। कई स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में या तो अत्यधिक शिक्षक तैनात किए गए हैं, या आवश्यक विषयों के शिक्षकों की कमी पाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ प्लस टू स्कूलों में कामर्स के छात्रों का नामांकन नहीं है, फिर भी वहां कामर्स विषय के शिक्षक तैनात हैं।
प्राथमिक स्कूलों में भी असंतुलन
वहीं कई प्राइमरी स्कूलों में जहां सिर्फ कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाई होती है, वहां भी छह या उससे अधिक शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है, जो कि मानकों के विपरीत है। ऐसी स्थिति में विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मंगवाकर, वास्तविक जरूरत के अनुसार शिक्षकों की पुन: पदस्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
छात्र हित में होगा फैसला: डीईओ
बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मनीष कुमार सिंह ने कहा, “छात्रों के हित में शिक्षकों की पदस्थापना को संतुलित करने का निर्णय लिया गया है। कुछ स्कूलों में अनुपात सही नहीं है, तो कहीं विषय शिक्षक बिना आवश्यकता के पदस्थापित हैं। इसकी जांच की जा रही है और शीघ्र ही उचित कार्रवाई की जाएगी।”
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