स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस योजना की घोषणा इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS), पटना में आयोजित पटना आप्थलमिक सोसायटी के वार्षिक अधिवेशन के दौरान की। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुलभ और प्रभावी बनाना है।
नेत्र बैंकों की स्थापना से बेहतर उपचार
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में नेत्र बैंक (Eye Bank) की स्थापना की जा रही है, जिससे आंखों से संबंधित गंभीर रोगों का उपचार संभव हो सकेगा। इससे उन मरीजों को विशेष लाभ मिलेगा जिन्हें कॉर्निया ट्रांसप्लांट जैसे जटिल ऑपरेशन की जरूरत होती है।
राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल होगा अत्याधुनिक
मंत्री पांडेय ने यह भी कहा कि पटना स्थित राजेंद्र नगर अति-विशिष्ट नेत्र अस्पताल का उन्नयन किया जा रहा है। इसके तहत आधुनिक उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टर और उन्नत तकनीक से लैस सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिससे नेत्र रोगियों को विश्वस्तरीय उपचार मिल सकेगा।
सरकार की मंशा: नेत्र स्वास्थ्य को जन-आंदोलन बनाना
राज्य सरकार की यह पहल 'नेत्र स्वास्थ्य जन-जागरूकता' के तहत चलाई जा रही है, ताकि समय पर जांच और उपचार के जरिए लोगों की दृष्टि को सुरक्षित रखा जा सके। विशेषकर वृद्धजनों और छात्रों के लिए यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। बिहार सरकार की इस नई पहल को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे आम जनता को आर्थिक राहत तो मिलेगी ही, साथ ही नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
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