अब नहीं चलेगा 'खानापूरी' वाला टेस्ट
अब तक मैनुअल टेस्ट की प्रक्रिया में कई बार लापरवाही बरती जाती थी, जिससे कई अनाड़ी ड्राइवर भी आसानी से लाइसेंस हासिल कर लेते थे। लेकिन अब आजमगढ़ के बलरामपुर स्थित आईटीआई कैंपस में बने आधुनिक मोटर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में 100 से अधिक हाई-टेक कैमरों और सेंसर से लैस ट्रैक पर ही टेस्ट देना होगा। यहां हर मूवमेंट पर सख्ती से नजर रखी जाएगी। छोटी-सी चूक भी ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने का कारण बन सकती है।
कैसे होगा नया टेस्ट?
नया ट्रैक पूरी तरह सेंसर से जुड़ा होगा। जब आवेदक वाहन चलाएगा, तो उसकी स्पीड, ब्रेकिंग, टर्निंग और सभी जरूरी मानकों की निगरानी कंप्यूटर सिस्टम द्वारा की जाएगी। कैमरे इस पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड करेंगे और कोई भी मानक पूरा न करने पर सिस्टम खुद ही रिपोर्ट तैयार करेगा। इंस्ट्रक्टर की भूमिका केवल निरीक्षण तक सीमित होगी, निर्णय तकनीक आधारित होगा।
कब से होगी शुरुआत?
यह नई व्यवस्था इसी माह से लागू की जा रही है। शुरुआत में इसे आजमगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा और आगे चलकर पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और योग्य चालक ही लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
देश में हर साल हजारों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवाते हैं। इन हादसों के पीछे एक बड़ा कारण है ड्राइविंग में लापरवाही और बिना पर्याप्त योग्यता के लाइसेंस हासिल करना। सरकार का मानना है कि यदि ड्राइविंग टेस्ट प्रक्रिया सख्त और तकनीक आधारित हो, तो अनफिट चालकों को सड़क पर उतरने से रोका जा सकता है।
लाइसेंस बनवाने वालों के लिए चेतावनी
यदि आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं, तो यह समय है खुद को पूरी तरह तैयार करने का। अब पुराने जैसे शॉर्टकट नहीं चलेंगे। ड्राइविंग के सभी नियमों की जानकारी और अभ्यास बेहद जरूरी हो गया है। एक छोटी सी गलती भी लाइसेंस का सपना अधूरा छोड़ सकती है।
0 comments:
Post a Comment