मीडिया रिपोर्ट्स में इस विमान को दुनिया का "सबसे खतरनाक और एडवांस्ड सुपरफाइटर" बताया गया है। माना जा रहा है कि F-47 आने वाले वर्षों में अमेरिकी हवाई ताकत का नया चेहरा बनेगा और यह चीन जैसे देशों के लड़ाकू विमानों को हवा में ही ध्वस्त कर देगा।
Stealth++ तकनीक: रडार से पूरी तरह गायब
F-47 की सबसे बड़ी ताकत है इसकी Stealth++ तकनीक, जो इसे रडार से लगभग पूरी तरह अदृश्य बना देती है। यानी दुश्मन की निगाहों से बचते हुए यह हमला करेगा और बिना देखे ही निकल जाएगा। यह तकनीक मौजूदा स्टेल्थ जेट्स की तुलना में कई गुना ज्यादा उन्नत है।
अद्भुत रेंज और रफ्तार के साथ पूरी स्टील्थ
बता दें की F-47 की कॉम्बैट रेंज 1000 नॉटिकल मील (लगभग 1850 किमी) होगी। साथ ही इसकी टॉप स्पीड Mach 2+ (यानी आवाज की गति से दोगुनी से भी तेज) होगी, जो इसे दुनिया के सबसे तेज और घातक विमानों की श्रेणी में ला देती है।
बोइंग को मिली जिम्मेदारी, 185 यूनिट्स का ऑर्डर
F-47 के निर्माण का जिम्मा बोइंग को सौंपा गया है, जिसने लॉकहीड मार्टिन को इस रेस में पीछे छोड़ दिया है। अमेरिकी वायुसेना ने कम से कम 185 यूनिट्स का ऑर्डर दिया है, जो F-22 रैप्टर की कुल संख्या के बराबर है। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से बोइंग को आने वाले दशकों में अरबों डॉलर के ऑर्डर मिल सकते हैं।
AI ड्रोन विंगमैन: इंसान और मशीन की साझेदारी
F-47 यह अत्याधुनिक AI आधारित ड्रोन विंगमैन स्क्वाड के साथ उड़ान भरेगा। इन ड्रोन्स को जनरल एटॉमिक्स और एन्दुरिल इंडस्ट्रीज ने डिजाइन किया है। ये ड्रोन दुश्मन की पोजीशन का पता लगाने, मिसाइल हमलों को रोकने और निगरानी जैसे कामों में सहयोग करेंगे।
2025 से 2029 के बीच ऑपरेशनल होने की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि F-47 का ऑपरेशनल रोल 2025 से 2029 के बीच शुरू हो जाएगा। यानी अगले कुछ वर्षों में अमेरिका के आकाशीय ताकत की तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। इसको लेकर निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई हैं।
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