1. उत्पत्ति और वर्ग
राफेल: यह एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे फ्रांस की कंपनी Dassault Aviation ने बनाया है। यह एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, और न्यूक्लियर मिशनों में सक्षम है।
J-35A: चीन का यह 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जिसे Shenyang Aircraft Corporation ने विकसित किया है। अभी तक इसका पूरी तरह ऑपरेशनल वर्जन सामने नहीं आया है।
2. स्टेल्थ क्षमता
राफेल: इसमें स्टेल्थ फीचर्स हैं, जैसे कि कम रेडार सिग्नेचर और विशेष कोटिंग्स, लेकिन यह पूर्ण स्टेल्थ फाइटर नहीं है।
J-35A: इसे पूरी तरह स्टेल्थ डिजाइन के साथ तैयार किया गया है। लेकिन इसकी तकनीकी विश्वसनीयता पर संदेह है क्योंकि चीन की रडार-चिप तकनीक अभी अमेरिकी या पश्चिमी देशों के स्तर तक नहीं पहुंची है।
3. इंजन और स्पीड
राफेल: इसमें 2 x Snecma M88-2 इंजन लगे हैं, जो इसे मैक 1.8 (2,222 किमी/घंटा) की स्पीड तक पहुंचा सकते हैं।
J-35A: यह twin-engine स्टेल्थ फाइटर है, लेकिन इसमें कौन-से इंजन है ये तय नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें WS-19 इंजन है, पर इनकी विश्वसनीयता और प्रदर्शन अभी सिद्ध नहीं हुए हैं।
4. अवसर और हथियार प्रणाली
राफेल: स्काल्प, मेटेओर, मिका जैसे एडवांस मिसाइल सिस्टम्स के साथ यह किसी भी मौसम में हमला कर सकता है। इसके पास Spectra Electronic Warfare System भी है, जो इसे दुश्मन के हमलों से बचाता है।
J-35A: यह आधुनिक हथियार प्रणाली से लैस होगा, लेकिन इसकी मिसाइल रेंज और वारहेड की गुणवत्ता पर स्पष्ट जानकारी नहीं है। चीन के हथियार सिस्टम्स की टेस्टिंग पारदर्शी नहीं मानी जाती।
5. ऑपरेशनल अनुभव
राफेल: फ्रेंच एयर फोर्स और नेवी के साथ-साथ भारतीय वायुसेना के पास भी इसका अनुभव है। यह अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया जैसे युद्धक्षेत्रों में परीक्षण हो चुका है।
J-35A: अभी तक इसका कोई युद्ध अनुभव नहीं है। यह केवल प्रोटोटाइप और टेस्टिंग फेज़ में है।
6. विश्वसनीयता और टेक्नोलॉजी
राफेल: यह NATO देशों द्वारा अनुमोदित और उपयोग किया जाने वाला अत्याधुनिक जेट है। इसकी विश्वसनीयता और रखरखाव लागत अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार है।
J-35A: चीन की मिलिट्री टेक्नोलॉजी को अक्सर "रिवर्स इंजीनियरिंग" पर आधारित माना जाता है। इसमें मूल नवाचार की कमी बताई जाती है।
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