1. डिज़ाइन और उत्पत्ति
Tejas पूरी तरह भारत में HAL (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा डिज़ाइन और निर्मित एक हल्का लड़ाकू विमान है, जो भारत के आत्मनिर्भरता मिशन का प्रतीक है।
JF-17 पाकिस्तान और चीन की संयुक्त परियोजना है, जिसमें डिजाइन का बड़ा हिस्सा चाइना एयरोस्पेस द्वारा किया गया है। यह चीन के Chengdu FC-1 Xiaolong पर आधारित है।
2. इंजन और परफॉर्मेंस
Tejas में General Electric का F404 इंजन लगा है, जो इसे उच्च गति और बेहतर एयरोडायनामिक्स देता है। इसकी अधिकतम स्पीड करीब Mach 1.8 है।
JF-17 में रूसी RD-93 इंजन (जो Mig-29 में भी इस्तेमाल हुआ है) लगा है, जिसकी टॉप स्पीड Mach 1.6 के आसपास है। पर इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं।
3. एवियॉनिक्स और रडार
Tejas में मल्टीमोड AESA रडार (Uttam या EL/M-2052), फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम, और ग्लास कॉकपिट जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं।
JF-17 में पहले M-scan रडार था, लेकिन Block III वर्ज़न में अब KLJ-7A AESA रडार दिया गया है। हालांकि, इसकी गुणवत्ता और इंटीग्रेशन भारतीय विकल्पों से कमतर मानी जाती है।
4. हथियार प्रणाली
Tejas हवा से हवा, हवा से जमीन मिसाइलें, LGBs (Laser-guided Bombs), और ब्रह्मोस-NG जैसे उन्नत हथियार ले जाने में सक्षम है।
JF-17 PL-5 और SD-10 मिसाइलें, और कुछ चीनी हथियारों के साथ आता है। लेकिन इसकी हथियार इंटीग्रेशन क्षमता Tejas की तुलना में सीमित मानी जाती है।
5. मिशन रोल और बहु-भूमिकाएँ
Tejas को एक मल्टी-रोल फाइटर के रूप में डिज़ाइन किया गया है — एयर डिफेंस, ग्राउंड अटैक, और समुद्री मिशन में इसकी क्षमता ज्यादा है।
JF-17 का मिशन रोल भी मल्टी-रोल है, लेकिन इसका उपयोग मुख्य रूप से वायु रक्षा और हल्के अटैक ऑपरेशनों में होता है।
कौन है ज्यादा ताकतवर?
तकनीकी, रडार, एवियॉनिक्स और आत्मनिर्भरता के लिहाज से Tejas ज्यादा ताकतवर हैं। हालांकि JF-17 सस्ता और तेज़ उत्पादन वाला विकल्प जरूर है, लेकिन विश्वसनीयता और तकनीकी उन्नति में वह Tejas से पीछे है। Tejas न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में यह एक मजबूत निर्यातक फाइटर के रूप में उभरने की क्षमता भी रखता है।
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