8वें वेतन आयोग: सैलरी में 30+ प्रतिशत का इजाफा

नई दिल्ली। भारत में हर दस वर्षों में वेतन आयोग का गठन एक बड़ी प्रशासनिक प्रक्रिया होती है, जिसका असर लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था, और अब सबकी निगाहें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं, जिसकी संभावित शुरुआत वर्ष 2026 या वित्तीय वर्ष 2027 में हो सकती है।

सैलरी में 30% से ज्यादा का इजाफा संभव

हाल ही में एंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट ने अनुमान जताया है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में 30% से 34% तक का इजाफा हो सकता है। इससे न केवल कर्मचारियों की आय में सुधार होगा, बल्कि इससे उनकी जीवनशैली में भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर और इसका महत्व

सरकारी वेतन में बदलाव का मूल आधार फिटमेंट फैक्टर होता है। यह एक मल्टीप्लायर की तरह काम करता है, जिसके जरिए कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बार यह फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹20,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.46 होता है, तो नई सैलरी होगी: ₹20,000 × 2.46 = ₹49,200

न्यूनतम वेतन में भी होगा बड़ा उछाल

मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह है। यदि नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.46 लागू होता है, तो यह बढ़कर ₹44,280 तक पहुंच सकता है। यानी एक आम कर्मचारी की मासिक आय लगभग 2.5 गुना तक बढ़ सकती है।

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