क्या है BraVo रडार?
BraVo (Bi-static Radar for Advanced Vigilance and Observation) एक बाय-स्टैटिक UHF रडार है, जो विशेष रूप से गहरे अंतरिक्ष में मौजूद लक्ष्यों, स्पेस डेब्रिस (अंतरिक्ष मलबा) और बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगाने के लिए तैयार किया गया है। इसका इस्तेमाल न केवल सैन्य निगरानी के लिए, बल्कि स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) के क्षेत्र में भी भारत को अभूतपूर्व बढ़त दिलाने वाला है।
BraVo की खासियतें: तकनीक में जबरदस्त छलांग
1 .बाय-स्टैटिक कॉन्फिगरेशन: इस रडार सिस्टम में ट्रांसमिटर और रिसीवर अलग-अलग स्थानों पर स्थित होते हैं। यह डिज़ाइन खासकर उन लक्ष्यों को ट्रैक करने में मददगार होती है जो पारंपरिक रडार सिस्टम से आसानी से नहीं पकड़े जा सकते, जैसे कि स्टील्थ फाइटर जेट्स।
2 .UHF फ्रीक्वेंसी बैंड: BraVo रडार अल्ट्रा हाई फ्रिक्वेंसी (UHF) बैंड में काम करता है, जो लंबी दूरी और कम-रडार सिग्नेचर वाले लक्ष्यों को ट्रैक करने में दक्ष होता है। यह विशेष रूप से चीन के J-20 और पाकिस्तान के J-35A जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स के खिलाफ बेहद प्रभावी है।
3 .इलेक्ट्रॉनिक बीम स्टीयरिंग: यह तकनीक पारंपरिक रडार की तुलना में बिना किसी यांत्रिक मूवमेंट के सटीक और तेज़ ट्रैकिंग को संभव बनाती है। इसकी फेस्ड एरे टेक्नोलॉजी BraVo को एक नई पीढ़ी का रडार बनाती है।
4 .हाई-रिजोल्यूशन ट्रैकिंग: BraVo का कंटीन्यूअस वेव (CW) ऑपरेशन उच्च रिजोल्यूशन वाली डिटेक्शन क्षमता प्रदान करता है, जिससे यह छोटे से छोटे स्पेस ऑब्जेक्ट या मिसाइल को भी सटीकता से पहचान सकता है।
क्यों है BraVo रडार सामरिक रूप से अहम?
चीन की सेना के पास पहले से ही 5,000 किलोमीटर की रेंज वाला शक्तिशाली Large Phased Array Radar (LPAR) मौजूद है। लेकिन अब BraVo के आने से भारत भी इस स्तर की स्पेस और एयर डोमेन जागरूकता हासिल कर सकता है। इसके ज़रिए न केवल चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकेगी, बल्कि अंतरिक्ष में लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में घूम रहे उपग्रहों और संभावित सैन्य खतरों को भी पहले से पहचाना जा सकेगा।
0 comments:
Post a Comment