1. विटामिन A की कमी – रातांधापन और दृष्टि दोष
विटामिन A आँखों की रोशनी के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी से "रातांधापन" (नाइट ब्लाइंडनेस) हो सकता है, जिसमें व्यक्ति कम रोशनी में सही से देख नहीं पाता। इसके अलावा यह त्वचा और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित करता है। बच्चों में यह कमी विकास को बाधित कर सकती है।
2. विटामिन B की कमी – थकान, एनीमिया और तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी
विटामिन B समूह (जैसे B1, B2, B3, B6, B12, फोलेट आदि) शरीर की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया में सहायक होते हैं। इनकी कमी से कमजोरी, चिड़चिड़ापन, थकावट, तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं, मेगालोब्लास्टिक एनीमिया और याददाश्त में कमी हो सकती है। B12 की कमी विशेष रूप से शाकाहारी लोगों में देखने को मिलती है।
3. विटामिन C की कमी – स्कर्वी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो घावों को भरने, हड्डियों को मजबूत बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसकी कमी से स्कर्वी नामक रोग होता है, जिसमें मसूड़े फूल जाते हैं, खून निकलता है और त्वचा में नीले निशान पड़ सकते हैं। यह आमतौर पर उन लोगों में देखा जाता है जो फल और सब्जियों का सेवन कम करते हैं।
4. विटामिन D की कमी – रिकेट्स और हड्डियों की कमजोरी
विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत बनती हैं। इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स (हड्डियों का टेढ़ा-मेढ़ा होना) और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया या ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। यह विटामिन मुख्य रूप से धूप से प्राप्त होता है, इसलिए सूरज की रोशनी में रहना आवश्यक है।
5. विटामिन E की कमी – मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र की समस्या
विटामिन E एक एंटीऑक्सिडेंट है जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, दृष्टि में समस्या और तंत्रिका तंत्र में विकार हो सकते हैं। यह कमी दुर्लभ होती है लेकिन कुछ विशेष रोगों में देखी जा सकती है।
6. विटामिन K की कमी – खून का जमाव न होना
विटामिन K खून के थक्के बनने में सहायक होता है। इसकी कमी से मामूली चोट लगने पर भी अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है, क्योंकि खून समय पर नहीं जमता। नवजात शिशुओं में यह समस्या अधिक सामान्य होती है, इसलिए जन्म के बाद विटामिन K का इंजेक्शन दिया जाता है।
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