यूरेनियम की ताकत: विज्ञान के नजरिए से
यूरेनियम मुख्यतः दो रूपों में पाया जाता है — U-238 और U-235। इनमें से U-235 ही वो आइसोटोप है जो न्यूक्लियर फिशन (nuclear fission) में उपयोग होता है। जब इस पर न्यूट्रॉन से हमला किया जाता है, तो यह दो हिस्सों में टूटता है और बड़ी मात्रा में ऊर्जा छोड़ता है। यही प्रक्रिया परमाणु बम और न्यूक्लियर रिएक्टर का आधार है।
आपको बता दें की एक ग्राम U-235 जितनी ऊर्जा देता है, उतनी लगभग 1 टन कोयला या 500 लीटर पेट्रोल नहीं दे सकते। अगर एक परमाणु बम में मात्र 25 किलोग्राम यूरेनियम हो, तो वह पूरे शहर को तबाह करने की क्षमता रखता है।
कौन हैं वे 9 देश जिनके पास परमाणु हथियार हैं?
आज केवल नौ देशों ने सार्वजनिक या अनुमानित रूप से परमाणु हथियार विकसित किए हैं: संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इज़राइल (आधिकारिक रूप से घोषित नहीं, परंतु माना जाता है कि परमाणु शक्ति है)
इन देशों ने अपनी सुरक्षा, रणनीतिक बढ़त और वैश्विक प्रभाव के लिए परमाणु शक्ति हासिल की है। संयुक्त राष्ट्र की "परमाणु अप्रसार संधि" (NPT) का उद्देश्य यही है कि बाकी देश परमाणु हथियार न बनाएं और दुनिया में संतुलन बना रहे।
यूरेनियम और वैश्विक राजनीति
परमाणु हथियार केवल युद्ध का साधन नहीं, बल्कि एक प्रकार का डिप्लोमैटिक टूल बन चुके हैं। जिन देशों के पास यह हथियार हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक गंभीरता से लिया जाता है। इसके अलावा, यूरेनियम का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भी होता है — जैसे कि बिजली उत्पादन, चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान।
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