S-400 के सामने F-35 की असली परीक्षा, जानें कौन पड़ेगा भारी?

न्यूज डेस्क। वर्तमान वैश्विक सामरिक परिदृश्य में अमेरिका का F-35 लाइटनिंग-II और रूस का S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम दो अत्याधुनिक सैन्य प्रणालियाँ हैं, जो अक्सर आमने-सामने की तुलना में चर्चा का विषय बनती हैं। एक तरफ है F-35, जो अपनी स्टील्थ क्षमता और मल्टी-रोल फंक्शन से लैस है, वहीं दूसरी ओर S-400, जो दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को सैकड़ों किलोमीटर दूर से मार गिराने की ताकत रखता है। 

1. स्टील्थ तकनीक बनाम रडार क्षमता

F-35: इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसकी स्टील्थ (अदृश्यता) तकनीक, जिससे यह दुश्मन के रडार में आसानी से नहीं आता। यह रडार वेव को अवशोषित करता है या मोड़ देता है।

S-400: इसमें अत्याधुनिक AESA रडार और कई लेयर की डिटेक्शन तकनीक है, जो स्टील्थ विमानों को पकड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है। हालांकि, F-35 को ट्रैक करना अभी भी इसकी बड़ी चुनौती है।

बढ़त: तकनीकी रूप से F-35 की स्टील्थ इसे शुरुआत में बढ़त देती है, लेकिन S-400 की बहुस्तरीय रडार तकनीक इसे पकड़ने की कोशिश में पीछे नहीं है।

2. मारक क्षमता और रेंज

F-35: इसकी मारक रेंज लगभग 1,200-2,200 किमी है (एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशन में)। यह गहराई में जाकर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है।

S-400: इसकी रेंज 400 किमी तक है और यह एक साथ 80 लक्ष्यों पर नजर रख सकता है और 36 को एकसाथ मार गिरा सकता है।

बढ़त: S-400 की डिफेंस रेंज बेहद खतरनाक है, लेकिन F-35 इसकी सीमा में घुसने से बच सकता है।

3. गतिशीलता और रणनीतिक लचीलापन

F-35: यह हवा में बेहद गतिशील है और मिशन के अनुसार खुद को बदल सकता है — जासूसी, हमला या रक्षा।

S-400: एक स्थिर डिफेंस सिस्टम है जिसे तैनात किया जाना पड़ता है। एक बार जगह निर्धारित होने के बाद उसकी गतिशीलता सीमित होती है।

बढ़त: F-35 को अधिक रणनीतिक लचीलापन हासिल है।

4. इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता

F-35: इसमें उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम हैं, जो दुश्मन के रडार और संचार को जाम कर सकते हैं।

S-400: अत्यधिक सुरक्षित और सिग्नल-प्रूफ सिस्टम है, लेकिन बहुत लंबे समय तक EW अटैक झेलने में इसकी सीमा है।

बढ़त: F-35 की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं इसे अदृश्यता के साथ और खतरनाक बनाती हैं।

5. लागत और लॉजिस्टिक्स

F-35: एक यूनिट की कीमत लगभग $80-100 मिलियन है, और इसका मेंटेनेंस खर्च भी ज्यादा है। प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स भी भारी हैं।

S-400: पूरे सिस्टम की कीमत लगभग $500 मिलियन है (पूरे बैटरी यूनिट की)। रख-रखाव अपेक्षाकृत सस्ता है।

बढ़त: S-400 को खरीदना और तैनात करना ज्यादा आर्थिक रूप से व्यावहारिक है।

6. युद्ध में वास्तविक प्रदर्शन

F-35: इजराइल, अमेरिका और अन्य देशों द्वारा सीमित मिशनों में उपयोग किया गया है। इसकी सफलता दर अच्छी रही है।

S-400: रूस और कुछ अन्य देशों द्वारा तैनात किया गया है, लेकिन युद्ध में इसकी रियल वर्ल्ड परफॉर्मेंस ठीक ठाक रहा हैं।

बढ़त: F-35 को युद्ध में सीमित सफलता मिली है, लेकिन S-400 के " दावे" और "वास्तविक प्रदर्शन" में अंतर देखा गया है।

0 comments:

Post a Comment