सिर्फ 3 मंत्र और खुलेंगे शिव कृपा के द्वार – जानें वो अद्भुत रहस्य

धर्म डेस्क। भारतीय संस्कृति में भगवान शिव को परम कल्याणकारी और अशुतोष कहा गया है – जो थोड़े से भक्ति से भी तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। शिव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय बताए गए हैं, लेकिन कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली और रहस्यमयी हैं कि उन्हें जपते ही साधक की चेतना शिव से जुड़ने लगती है। आज हम आपके साथ ऐसे ही 3 दिव्य मंत्रों का रहस्य साझा कर रहे हैं, जिनसे शिव की कृपा के द्वार खुल सकते हैं।

1. ॐ नमः शिवाय

यह पंचाक्षरी मंत्र शिव उपासना का मूल आधार है। इसका अर्थ है – "मैं शिव को नमस्कार करता हूँ।" यह मंत्र न केवल मन को शुद्ध करता है, बल्कि भीतर छिपे दंभ, क्रोध, ईर्ष्या जैसे विकारों को भी शांत करता है। प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, आत्मिक बल और सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है।

2. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय

यह मंत्र शिव की तांत्रिक उपासना से जुड़ा हुआ है और बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। ‘ह्रीं’ बीज मंत्र मां पार्वती से जुड़ा है, जबकि ‘ह्रौं’ शिव की उग्र शक्ति को दर्शाता है। इस मंत्र का जाप साधक के भीतर छुपी आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इस मंत्र का जाप विशेष रूप से रात्रि के समय या सोमवार को रुद्राक्ष की माला से करना अति फलदायी माना गया है।

3. ॐ शर्वाय नमः

शर्व शिव का एक अत्यंत रहस्यमय रूप है, जिसका अर्थ है – जो बुराइयों का नाश करता है। यह मंत्र न केवल शत्रु बाधा से रक्षा करता है, बल्कि भीतर की नकारात्मकता – जैसे डर, असुरक्षा, आत्म-संदेह को भी समाप्त करता है। इस मंत्र का नियमित जाप आपको एक अजेय मानसिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे आप जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना कर सकते हैं।

कैसे करें जाप?

सुबह स्नान के बाद शांत स्थान पर बैठें।

आंखें बंद कर लें और धीमी गति से मंत्र का जाप करें।

बेहतर होगा अगर आप रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें।

सोमवार को उपवास या विशेष पूजा के साथ यह जाप और भी प्रभावशाली हो जाता है।

0 comments:

Post a Comment