दुनिया की 5 सबसे तेज क्रूज मिसाइल, भारत के पास नंबर-1

नई दिल्ली। आधुनिक युद्ध नीति में मिसाइलों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। विशेष रूप से क्रूज मिसाइलें अपनी गति, सटीकता और दुश्मन की रडार से बच निकलने की क्षमता के कारण किसी भी देश की सामरिक शक्ति का अहम हिस्सा बन चुकी हैं। इस रिपोर्ट में हम दुनिया की 5 सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों पर चर्चा करेंगे, जिनमें भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई ‘ब्रह्मोस’ नंबर-1 स्थान पर है।

1. ब्रह्मोस (BrahMos) – भारत/रूस

गति: मैक 2.8 से 3.0 (लगभग 3700 किमी/घंटा)

रेंज: 450–800 किमी (नई वर्जन में 1500 किमी तक)

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, जिसका नाम दो नदियों — भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा — से लिया गया है। इसे ज़मीन, समुद्र, हवा और अब सबमरीन से भी लॉन्च किया जा सकता है। इसकी सटीकता, रफ्तार और लो-फ्लाइंग क्षमता इसे दुश्मन के लिए लगभग अजेय बनाती है।

2. 3M-54 Kalibr – रूस

गति: मैक 2.9 (अंतिम चरण में)

रेंज: 1500–2500 किमी

रूसी नौसेना की यह प्रमुख सबसोनिक-टू-सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका विशेष फीचर यह है कि यह उड़ान के अंतिम चरण में सुपरसोनिक गति प्राप्त करती है, जिससे दुश्मन के रडार और एंटी-मिसाइल सिस्टम को चकमा देना आसान होता है। यह मिसाइल ज़मीन, समुद्र और पनडुब्बी से दागी जा सकती है।

3. P-800 Oniks (Yakhont) – रूस

गति: मैक 2.5

रेंज: 600–800 किमी

यह भी रूस की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे समुद्री और ज़मीनी लक्ष्य भेदने के लिए विकसित किया गया है। यह ब्रह्मोस मिसाइल की मूल तकनीक पर आधारित है। इसकी लो-ट्रैजेक्टरी फ्लाइट और तेज़ रफ्तार इसे खतरनाक बनाती है।

4. AGM-158 JASSM – अमेरिका

गति: सबसोनिक (लगभग 1000 किमी/घंटा), लेकिन नई हाइपरसोनिक वर्जन पर काम जारी

रेंज: 370–1000 किमी

यह मिसाइल गति में भले ही धीमी हो, लेकिन इसकी स्टील्थ क्षमता इसे विशेष बनाती है। यह अमेरिकी वायुसेना की प्रमुख एयर-टू-सरफेस क्रूज मिसाइल है, जिसे B-1B, F-15, F-35 जैसे लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जाता है। इसकी नवीनतम वर्जन JASSM-XR की रेंज 1900 किमी तक है।

5. Storm Shadow / SCALP – UK/France

गति: सबसोनिक

रेंज: 250–560 किमी

यह एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल (ALCM) है, जो उच्च-सटीकता वाले लक्ष्य भेदन में सक्षम है। इसे यूके और फ्रांस की संयुक्त परियोजना के तहत विकसित किया गया है। इसकी मारक क्षमता और गाइडेड सिस्टम इसे खतरनाक बनाते हैं, हालांकि यह सुपरसोनिक नहीं है।

0 comments:

Post a Comment