यूपी में अब इन शिक्षकों को जल्द मिलेगा प्रमोशन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) शिक्षकों के लिए लंबे इंतजार के बाद खुशखबरी सामने आई है। करीब 15 वर्षों से प्रमोशन की राह देख रहे एक हजार से अधिक पुरुष शाखा के शिक्षक अब वरिष्ठता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद पदोन्नति की दौड़ में शामिल हो सकेंगे। यह फैसला न केवल शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है, बल्कि माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में भी एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाता है।

2009 के बाद से रुकी थी पदोन्नति प्रक्रिया

एलटी ग्रेड शिक्षकों की आखिरी बार बड़ी संख्या में पदोन्नति वर्ष 2009 में हुई थी। इसके बाद 2022 में केवल नौ विषयों के 994 शिक्षकों को पदोन्नति दी गई, लेकिन वरिष्ठता सूची में विवादों के कारण दस विषयों के 1031 शिक्षकों का प्रमोशन अटक गया। यह स्थिति शिक्षक समुदाय में असंतोष और निराशा का कारण बन गई थी।

त्रुटियों से भरी वरिष्ठता सूची बनी बड़ी बाधा

प्रमोशन प्रक्रिया की सबसे बड़ी रुकावट बनी अनंतिम ज्येष्ठता सूची, जिसमें शिक्षकों के नाम, जन्मतिथि, गृह जनपद, शैक्षिक अर्हता और कार्यभार ग्रहण करने की तिथि जैसी जानकारियों में गंभीर त्रुटियां पाई गईं। कई योग्य शिक्षकों के नाम सूची में शामिल ही नहीं थे, जिससे भारी असंतोष पैदा हुआ। इसके चलते निदेशालय को 16 जून 2022 को संशोधित सूची जारी करनी पड़ी, लेकिन अंतिम सूची अब तक जारी नहीं हो सकी थी।

हाईकोर्ट के आदेश से मिला नया मोड़

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 24 अप्रैल को दिए गए आदेश के अनुपालन में अब अंतिम ज्येष्ठता सूची तैयार की जा रही है। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे 2001 से 2019 के बीच नियुक्त एलटी ग्रेड शिक्षकों से आपत्तियां लेकर अंतिम सूची तैयार करें।

दो बार मांगी गई आपत्तियां

निदेशालय की ओर से 2 मई और 2 जून को भी नई आपत्तियां मांगी गई थीं, लेकिन पर्याप्त प्रत्यावेदन प्राप्त नहीं हो सके। अब विभाग ने अंतिम प्रयास के रूप में पुनः सभी संबद्ध अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है, ताकि लटकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सके।

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