भारत बनाम चीन: एयर डिफेंस सिस्टम की सीधी टक्कर

नई दिल्ली। आज के बदलते वैश्विक सुरक्षा परिवेश में एयर डिफेंस यानी वायु सुरक्षा किसी भी राष्ट्र की रक्षा नीति का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। भारत और चीन, दोनों एशिया की प्रमुख सैन्य ताकतें हैं, जो न केवल भूमि और समुद्र पर, बल्कि आकाश में भी अपनी श्रेष्ठता बनाए रखने की होड़ में लगे हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है — किस देश की एयर डिफेंस प्रणाली अधिक प्रभावशाली और शक्तिशाली है?

1 .लंबी दूरी की प्रणाली

भारत के पास रूस से प्राप्त अत्याधुनिक S-400 मिसाइल सिस्टम है जिसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है। जबकि चीन HQ-9B प्रणाली पर निर्भर है जिसकी अधिकतम सीमा लगभग 300 किलोमीटर है।

2 .रिएक्शन टाइम 

भारत का S-400 सिस्टम 5–10 मिनट में ऑपरेशनल हो सकता है, वहीं चीन की HQ-9 प्रणाली को पूर्ण रूप से सक्रिय होने में 30–35 मिनट तक का समय लगता है।

3 .मल्टी-लेयर सुरक्षा तंत्र

भारत के पास S-400 के साथ-साथ Akash, Barak-8, VSHORADS और SAMAR जैसी बहु-स्तरीय प्रणाली मौजूद है। जबकि चीन की सुरक्षा लेयर HQ-9, HQ-16 और HQ-19 पर आधारित है, जो अपेक्षाकृत पारंपरिक हैं।

4 .नेटवर्क इंटीग्रेशन

भारत का ‘Akashteer’ एक AI आधारित एकीकृत कमांड सिस्टम है जो थल, वायु और नौसेना के संसाधनों को जोड़ता है। जबकि चीन KJ-500 आधारित एयर वॉर्निंग सिस्टम पर निर्भर है, जो कम प्रतिक्रियाशील और सीमित एकीकरण क्षमता रखता है।

5 .स्वदेशीकरण का स्तर

भारत तेज़ी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए Project Kusha, Akashteer और SAMAR जैसी प्रणाली स्वयं विकसित कर रहा है। जबकि चीन की अधिकांश प्रणाली घरेलू है, पर तकनीकी रूप से S-400 जैसी विदेशी प्रणालियों के मुकाबले पीछे मानी जाती है।

0 comments:

Post a Comment