1. लौंग का तेल – प्राकृतिक पेनकिलर
लौंग में 'यूजेनॉल' नामक एक तत्व पाया जाता है, जो प्राकृतिक दर्दनिवारक और एंटीसेप्टिक होता है। एक रुई के फाहे पर लौंग का तेल लगाकर दर्द वाले हिस्से पर रखें। अगर लौंग का तेल न हो तो एक साबुत लौंग चबाकर भी रखा जा सकता है।
2. गुनगुने नमक वाले पानी से कुल्ला
नमक एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और यह मुंह के बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और उससे 30 सेकंड तक कुल्ला करें। यह सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है।
3. हेल्दी बर्फ से सिकाई (कोल्ड कंप्रेस)
बर्फ से की गई सिकाई सूजन कम करती है और तंत्रिका की संवेदनशीलता को अस्थायी रूप से घटा देती है। बर्फ के टुकड़ों को एक साफ कपड़े में लपेटकर दर्द वाली जगह के बाहरी हिस्से पर 15 मिनट तक लगाएं। इसे हर कुछ घंटे में दोहराएं।
4. लहसुन – एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर
लहसुन प्राकृतिक एंटीबायोटिक है और इसमें मौजूद 'ऐलिसिन' बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। एक लहसुन की कली को कुचलकर दर्द वाले दांत पर लगाएं। हल्का जलन हो सकती है लेकिन दर्द में राहत मिलेगी।
5. टी बैग (काली चाय का इस्तेमाल)
काली चाय में टैनिन्स पाए जाते हैं, जो सूजन कम करने और दर्द को शांत करने में मदद करते हैं। एक टी बैग को गर्म पानी में भिगोकर थोड़ा ठंडा करें और उसे दर्द वाले हिस्से पर रखें।
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