भारत की परमाणु शक्ति में इजाफा: 2 मिसाइलों का सफल परीक्षण

नई दिल्ली। भारत ने अपनी सामरिक क्षमता को और मज़बूत करते हुए दो स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइलों — पृथ्वी-2 और अग्नि-1 — का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण गुरुवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से किए गए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं और इनका परीक्षण विशिष्ट सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) द्वारा किया गया, जिसने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों की पुष्टि की।

पृथ्वी-2: कम दूरी की परमाणु क्षमता

पृथ्वी-2 मिसाइल भारत की पहली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है। इसकी मारक क्षमता लगभग 350 किलोमीटर तक है और यह 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु — दोनों प्रकार के हथियारों को ले जा सकती है। इसकी सटीकता और स्वदेशी तकनीक इसे भारत की सामरिक ताक़त का अहम हिस्सा बनाती है।

अग्नि-1: मध्यम दूरी की जवाबी ताक़त

वहीं अग्नि-1 मिसाइल की मारक सीमा 700 से 900 किलोमीटर के बीच है और यह लगभग 1,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने की क्षमता रखती है। यह मिसाइल अग्नि श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे भारत की दीर्घकालिक रणनीतिक रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।

रणनीतिक महत्व

इन दोनों मिसाइलों का सफल परीक्षण भारत की परमाणु त्रिकोणीय नीति (nuclear triad) को और सशक्त बनाता है, जिसमें जल, थल और आकाश — तीनों माध्यमों से परमाणु प्रतिरोध की क्षमता शामिल है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी दक्षता की पुष्टि करता है, बल्कि भारत के रक्षा ढांचे में आत्मनिर्भरता और सामरिक संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

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