8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया अभी कहां तक पहुंची है?
8वें वेतन आयोग के चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति अभी बाकी है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी आयोग को दिए जाने वाले निर्देश और कार्यक्षेत्र को भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इसके बिना आयोग की रिपोर्ट तैयार करना संभव नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुमान हैं कि फिटमेंट फैक्टर यानी वेतन बढ़ोतरी का अनुपात 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है, जो पिछले आयोग की तुलना में काफी अधिक होगा।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी की संभावना?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में करीब 30% से 34% तक की वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 है, जिसे बढ़ाकर लगभग ₹51,480 तक किया जा सकता है। इससे न केवल कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति सुधरेगी, बल्कि उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट कब तक आने की संभावना?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2025 के अंत तक सरकार को सौंपे जाने की उम्मीद है। उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वित्तीय वर्ष 2027 (FY27) से नया वेतनमान लागू किया जा सकता है।
पिछले वेतन आयोगों की तुलना
पिछले वेतन आयोगों के अनुभव से पता चलता है कि वेतन वृद्धि की दर हर बार अलग रही है। 6वें वेतन आयोग (2006) ने लगभग 54% की ग्रोथ दी थी, जबकि 7वें वेतन आयोग (2016) में यह वृद्धि 14.3% रही थी। भत्तों को मिलाकर यह वृद्धि पहले साल में करीब 23% तक पहुंची थी। इसके मुकाबले 8वें वेतन आयोग में 30-34% की वृद्धि उम्मीद को लेकर आर्थिक विशेषज्ञ सकारात्मक हैं।
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