गन्ने का जूस पीने से लिवर होगा मजबूत, किडनी रहेगी साफ

हेल्थ डेस्क। गर्मियों के मौसम में गन्ने का जूस न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। विशेष रूप से किडनी और लिवर की सेहत को बनाए रखने में गन्ने के रस की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक शोध तक, सभी इस प्राकृतिक पेय के लाभों को स्वीकार करते हैं।

लिवर के लिए वरदान

गन्ने के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व लिवर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह रस शरीर से विषाक्त पदार्थ (toxins) को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे लिवर पर बोझ कम होता है। गन्ने का जूस पीलिया (jaundice) जैसी लिवर संबंधित समस्याओं में भी राहत देने वाला माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, गन्ना लिवर के कार्यों को सक्रिय करता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है।

किडनी के लिए नैचुरल क्लींजर

गन्ने का रस एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक (diuretic) के रूप में काम करता है। इसका मतलब है कि यह पेशाब के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड, लवण और विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे किडनी को साफ और स्वस्थ बनाए रखने में सहायता मिलती है। नियमित रूप से गन्ने का जूस पीने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) की आशंका भी कम हो सकती है।

पोषक तत्वों का भंडार

गन्ने के रस में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, और पोटैशियम जैसे आवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं। यह रस न केवल शरीर को हाइड्रेट करता है, बल्कि थकान को दूर कर एनर्जी बूस्ट करता है। इसमें शुगर नैचुरली पाई जाती है, जिससे यह डायबिटिक मरीजों के लिए सीमित मात्रा में, डॉक्टर की सलाह पर लाभकारी हो सकता है।

कैसे और कब पिएं?

विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह खाली पेट गन्ने का जूस पीना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है। लेकिन यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि जूस साफ-सुथरे तरीके से निकाला गया हो और उसमें किसी प्रकार का मिलावट न हो। बाहर से खरीदते समय साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, वरना लाभ की जगह नुकसान हो सकता है।

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