1. विटामिन B12 – मानसिक और शारीरिक ऊर्जा का स्त्रोत
बुजुर्गों में विटामिन B12 की कमी आम होती है, जिससे थकान, याददाश्त की कमजोरी और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं होती हैं। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाकर स्टैमिना बढ़ाता है।
स्रोत: अंडा, मछली, दूध, दही, फोर्टिफाइड अनाज।
2. विटामिन D – हड्डियों और मांसपेशियों के लिए जरूरी
बुढ़ापे में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और स्टैमिना पर सीधा असर पड़ता है। विटामिन D कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाता है। धूप में 15-20 मिनट रहना या सप्लीमेंट के रूप में इसे लेना लाभकारी है।
स्रोत: सूरज की रोशनी, मशरूम, अंडे की ज़र्दी, फोर्टिफाइड दूध।
3. विटामिन C – रोगों से बचाए, बढ़ाए ताजगी
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है और थकान को कम करता है। यह त्वचा को भी चमकदार बनाए रखने में मदद करता है, जिससे चेहरा जवां दिखता है।
स्रोत: आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद, टमाटर।
4. विटामिन E – उम्र के असर को कम करे
विटामिन E को ‘एंटी-एजिंग’ विटामिन कहा जाता है। यह कोशिकाओं की मरम्मत करता है और झुर्रियों को कम करने में सहायक होता है। साथ ही यह दिल की सेहत और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे स्टैमिना बरकरार रहता है।
स्रोत: बादाम, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, पालक।
5. विटामिन A – आंखों और इम्यून सिस्टम के लिए वरदान
उम्र के साथ दृष्टि कमजोर होने लगती है। विटामिन A आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत करता है, जिससे बुजुर्गों को कम बीमारियां घेरती हैं।
स्रोत: गाजर, शकरकंद, पत्तेदार हरी सब्जियां, दूध, मक्खन।
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