शहरी विस्तार का असर: क्यों जरूरी हुआ परिसीमन?
हाल के वर्षों में प्रदेश में शहरी क्षेत्रों का तेजी से विस्तार हुआ है। नए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के गठन और सीमा विस्तार के चलते कई ग्राम पंचायतें और उनके वार्ड इस बदलाव से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में अब ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों की सीमाओं में आंशिक बदलाव जरूरी हो गया है, जिससे प्रतिनिधित्व का संतुलन बना रहे।
परिसीमन की समयसारिणी
सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए विस्तृत समयसारिणी जारी की है, जिसके अनुसार:
18 जुलाई से 22 जुलाई के बीच ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण किया जाएगा।
23 जुलाई से 28 जुलाई के बीच प्रस्तावित वार्डों की सूची तैयार कर उसका प्रकाशन किया जाएगा।
29 जुलाई से 2 अगस्त तक आम जनता से आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
3 अगस्त से 5 अगस्त के बीच इन आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
अंत में, 6 अगस्त से 10 अगस्त के बीच वार्डों की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।
लोगों की भूमिका अहम
इस परिसीमन प्रक्रिया में आम नागरिकों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। यदि किसी नागरिक को प्रस्तावित वार्ड सीमाओं पर आपत्ति है, तो वह निर्धारित अवधि में अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। शासन द्वारा तय की गई प्रक्रिया पारदर्शिता और जनहित को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जिससे हर क्षेत्र को न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व मिल सके।
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