जल-कृषि सौरकरण योजना के अंतर्गत तालाब मत्स्य विकास एवं जीर्णोद्धार योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत चयनित तालाबों में बोरिंग और सौर चालित सबमर्सिबल पंपसेट लगाए जाएंगे। इसका लाभ लेने के लिए ऑनलाइन के द्वारा आवेदन कर सकते हैं।
क्या है योजना की खासियत?
प्रति यूनिट लागत: ₹5.42 लाख
सरकारी अनुदान: 80% यानी लगभग ₹4.34 लाख
लाभुक योगदान: 20% (₹1.08 लाख), जिसे आवश्यकता पड़ने पर बैंक ऋण से भी चुकाया जा सकता है।
योग्यता: जिन मत्स्य पालकों के पास 0.25 एकड़ से 2.5 एकड़ तक का निजी या कम से कम 9 वर्षों की लीज पर तालाब है, वे आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
इच्छुक लाभार्थियों को 31 अगस्त तक बिहार मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल https://fisheries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान आधार कार्ड व पहचान पत्र, जमीन की रसीद या लीज एग्रीमेंट, बैंक पासबुक की प्रति, तालाब की स्पष्ट तस्वीर, मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ेगी।
चयन प्रक्रिया:
लाभार्थियों का चयन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर किया जाएगा। ऐसे मत्स्य पालक, जिनके पास स्वयं का तालाब है या जिनके पास 9 साल की लीज पर तालाब है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। यह योजना न केवल गर्मियों में तालाबों के सूखने की समस्या को कम करेगी, बल्कि इससे मत्स्य पालन एक निरंतर और लाभकारी व्यवसाय बन सकेगा। किसानों को सालभर उत्पादन का अवसर मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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