चतुर्थ से तृतीय श्रेणी तक का रास्ता होगा आसान
कारपोरेशन में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप D) कर्मचारियों को अब उनकी कार्यक्षमता और योग्यता के आधार पर तृतीय श्रेणी (ग्रुप C) पदों पर पदोन्नत किया जाएगा। इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने नए दायित्वों को सफलतापूर्वक निभा सकें। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों की कार्यकुशलता को पहचान देने वाला है, बल्कि यह उनके मनोबल को भी ऊंचा करेगा।
प्रशासनिक सुधारों पर भी ज़ोर
प्रमोशन के साथ-साथ डॉ. गोयल ने प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के उद्देश्य से कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने सभी विभागों को वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) समय से तैयार करने का निर्देश दिया है, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सके।
संविदा कर्मचारियों को राहत
संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को लेकर भी कारपोरेशन गंभीर नजर आ रहा है। डॉ. गोयल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि संविदा कर्मियों को समय पर वेतन मिलना चाहिए। अक्सर वेतन में देरी के कारण संविदा कर्मचारी मानसिक और आर्थिक दबाव में रहते हैं, लेकिन अब यह समस्या भी कम होने की उम्मीद है।
बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
कारपोरेशन ने कार्य संस्कृति में अनुशासन लाने के लिए सभी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। इससे कर्मचारियों की उपस्थिति का रियल टाइम डेटा उपलब्ध रहेगा और कार्यस्थल पर अनुशासन भी बना रहेगा। यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि कार्य के प्रति जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा।
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