उद्देश्य: भूमि संबंधी कार्यों को सरल, त्वरित और पारदर्शी बनाना
इस महाअभियान का मुख्य मकसद है: भूमि दस्तावेजों की गलतियों को ठीक करना, ऑनलाइन जमाबंदी से वंचित लोगों को डिजिटल प्रणाली में शामिल करना, उत्तराधिकार के आधार पर नामांतरण के मामलों का निपटारा करना, साझी जमीनों के बंटवारे संबंधी विवादों का समाधान करना।
क्या होगा इस अभियान के तहत?
1 .डिजिटल जमाबंदी में सुधार: बहुत से मामलों में ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटियां पाई गई हैं। इन गलतियों को ठीक करने के लिए अधिकारी घर-घर जाकर जानकारी जुटाएंगे और सुधार के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
2 .नवीन ऑनलाइन जमाबंदी: जिन किसानों या रैयतों की जमाबंदी अब तक ऑनलाइन नहीं हो पाई है, उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। इससे उन्हें सरकारी योजनाओं और बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
3 .नामांतरण और बंटवारा: उत्तराधिकार के मामलों में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इसके साथ-साथ साझी संपत्तियों के स्पष्ट बंटवारे को लेकर आवेदन लिए जाएंगे और त्वरित समाधान किया जाएगा।
4 .घर-घर दस्तावेज वितरण और संग्रह: राजस्व विभाग की टीमें प्रत्येक गांव और पंचायत में जाकर लोगों को जमाबंदी प्रति और आवेदन फॉर्म देंगी। इसके बाद ग्राम व पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आवेदन व जरूरी दस्तावेज जमा किए जाएंगे।
अभियान की तैयारी और निगरानी
इस अभियान को सफल बनाने के लिए 10 अगस्त को पटना में राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान में एक अहम बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह करेंगे। बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों, कर्मचारी संगठनों और संबंधित विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है ताकि उनके सुझावों के आधार पर अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
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