परियोजना का मार्ग और लाभ
शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का शुभारंभ थानाभवन के गोगवान जलालपुर गांव से होगा और यह सीधे गोरखपुर तक पहुंचेगा। इस मार्ग में मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर सहित कुल 22 जिले और 36 तहसील शामिल होंगी। यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और लखनऊ-गोरखपुर एक्सप्रेसवे के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश की सड़क परिवहन व्यवस्था को और भी मजबूत बनाएगा।
इससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे यात्रा का समय और खर्च दोनों कम होंगे। उद्योग, व्यापार, कृषि उत्पादकता के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विशेषकर, हरियाणा के पानीपत से शामली और फिर गोरखपुर तक का कॉरिडोर बनने से दो राज्यों के आर्थिक रिश्ते और भी सशक्त होंगे।
परियोजना की वर्तमान स्थिति और आगे की राह
प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट के लिए ड्रोन सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। दिवाली तक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार हो जाएगी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। यह योजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ते हुए सामाजिक-आर्थिक समृद्धि का पुल भी बनेगी।
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