अभियान के पहले ही दिन 45 वाहन चालकों के चालान काटे गए, जिससे साफ है कि इस बार प्रशासन पूरी तरह से सख्त रुख अपनाए हुए है। परिवहन विभाग, यातायात विभाग, जिला पूर्ति अधिकारी और स्थानीय पुलिस को संयुक्त रूप से इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
हेलमेट किराए पर देने वालों पर सख्त नजर
पिछली बार चले इसी तरह के अभियान में कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग करते हुए हेलमेट को कमाई का जरिया बना लिया था। पेट्रोल पंपों पर 10-20 रुपये लेकर हेलमेट किराए पर दिए जाते थे, जिन्हें पेट्रोल भरवाने के बाद वापस कर दिया जाता था। इससे नियम का उद्देश्य ही विफल हो गया था।
इस बार प्रशासन ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी जारी की है कि यदि कोई व्यक्ति या पेट्रोल पंप स्टाफ इस तरह की गतिविधि में लिप्त पाया गया, तो उनके विरुद्ध दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, नियम तोड़ने वाले चालक पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पेट्रोल पंप मालिकों से सहयोग की अपील
इस बार प्रशासन ने सभी पेट्रोल पंप संचालकों से विशेष सहयोग की अपील की है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि बिना हेलमेट आए किसी भी दोपहिया वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए। यह सुनिश्चित करना सभी पंप मालिकों की जिम्मेदारी होगी कि नियम का उल्लंघन न हो।
एआरटीओ का बयान
एआरटीओ ने कहा, “हमारा उद्देश्य चालकों की सुरक्षा है, न कि केवल चालान करना। हेलमेट जीवन रक्षक है और इसके प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह अभियान सभी की भलाई के लिए है और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों को एक साथ मिलकर काम करना होगा।” प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। हेलमेट न केवल चालान से बचाता है, बल्कि जान भी बचाता है।
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