रूस अब भारत को देगा ये क्रूर 'हथियार', अमेरिका हैरान!

नई दिल्ली। आज के दौर में युद्ध केवल बंदूकों और टैंकों तक सीमित नहीं रहा है। आधुनिक तकनीक ने जंग के मैदान की तस्वीर ही बदल दी है। खासतौर पर ड्रोन टेक्नोलॉजी ने सैन्य अभियानों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अब भारत की तीनों सेनाओं थल, जल और वायु को और अधिक ताकत देने के लिए रूस ने एक बड़ा प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव है 'ओरियन' ड्रोन का, जिसे रूस ने खास भारत के लिए पेश किया है।

क्या है रूस का 'ओरियन' ड्रोन?

'ओरियन' या 'क्रोनस्टाड ओरियन' (Kronshtadt Orion) एक मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) श्रेणी का मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है। यह ड्रोन निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन पर सटीक हमले करने में पूरी तरह सक्षम है। रूस की यह पेशकश भारत के स्वदेशी प्रयासों के साथ-साथ पश्चिमी देशों से मिलने वाले विकल्पों को भी कड़ी टक्कर दे सकती है।

खासियतें जो 'ओरियन' को बनाती हैं बेहद खतरनाक

1 .लंबी उड़ान क्षमता: 'ओरियन' ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद 24 घंटे तक लगातार हवा में रह सकता है। यह विशेषता इसे सीमावर्ती इलाकों में लगातार निगरानी के लिए बेहद उपयुक्त बनाती है।

2 .अधिकतम ऊंचाई: यह ड्रोन 7,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है, जिससे दुश्मन की नज़रों से बचते हुए वह अपने मिशन को अंजाम दे सकता है।

3 .हथियार क्षमता: ओरियन ड्रोन 250 किलोग्राम तक का हथियार ले जा सकता है। इसमें एस8000 बेंडरोल जैसी क्रूज मिसाइलें फिट की जा सकती हैं, जिनकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर तक हो सकती है।

4 .स्पीड और नियंत्रण: इसकी गति 120 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। इसे न केवल सीधे लाइन-ऑफ-साइट रेडियो लिंक से बल्कि सैटेलाइट के ज़रिए दूर-दराज़ से भी नियंत्रित किया जा सकता है।

5 .दिन-रात ऑपरेशन: यह ड्रोन हर मौसम और हर समय में ऑपरेशन करने की क्षमता रखता है, चाहे वह रात हो या दिन, बारिश हो या बर्फबारी।

क्यों महत्वपूर्ण है भारत के लिए यह प्रस्ताव?

रूस की यह पेशकश केवल ड्रोन की आपूर्ति तक सीमित नहीं है। यह भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' नीतियों के अनुरूप है। रूस न केवल तकनीक ट्रांसफर करने को तैयार है, बल्कि भारत में ही इस ड्रोन के निर्माण की बात भी कर रहा है। इससे भारत को न केवल आधुनिक हथियार मिलेगा, बल्कि देश के भीतर रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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