जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना
इस योजना का नाम है ‘मुख्यमंत्री जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना 2025-26’, जिसे बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसके तहत जलाशयों में संचयन आधारित मत्स्य पालन तथा केज (पिंजरा) आधारित मछली पालन तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा। यह योजना विशेष रूप से दक्षिण बिहार के उन जिलों में लागू होगी जहां जलाशय व्यवस्थित नहीं हैं और मत्स्य पालन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं।
किन जिलों में लागू होगी योजना?
यह योजना खासकर बांका, नवादा, जमुई, सासाराम, कैमूर, मुंगेर और लखीसराय जिलों में लागू की जा रही है। इन जिलों में मछली पालन को व्यवस्थित कर ग्रामीण विकास में मदद करने के लिए सरकार ने यह आर्थिक सहायता योजना शुरू की है।
आवेदन की अंतिम तिथि और पात्रता
मछली पालन में रुचि रखने वाले इच्छुक किसान और मछली पालक 31 दिसंबर 2025 तक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस तारीख के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। योजना के तहत सभी वर्गों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध है, लेकिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए यह सब्सिडी 80% तक है, जबकि अन्य वर्गों के लिए 60% की सब्सिडी दी जाएगी।
सब्सिडी के अलावा क्या करना होगा?
सब्सिडी के अतिरिक्त शेष राशि मछली पालक को स्वयं या बैंक लोन के माध्यम से वहन करनी होगी। इसका मतलब है कि योजना के तहत आपको कुल लागत का एक हिस्सा ही भरना होगा, जिससे मछली पालन व्यवसाय शुरू करना आसान और सस्ता हो जाता है।
मछली पालन को बढ़ावा देने की जरूरत क्यों?
बिहार में जलाशयों की संख्या अच्छी खासी है, लेकिन उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। मछली पालन न केवल ग्रामीण लोगों को रोजगार देता है बल्कि पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। यह योजना ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण का एक अहम कदम है।
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