क्या है नई व्यवस्था?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में या इसके विपरीत स्विच करने का मौका सिर्फ एक बार पाएंगे। यानी एक बार जब आप UPS से NPS में चले जाएंगे, तो वापस UPS में वापसी का विकल्प नहीं मिलेगा। यह सुविधा केवल उन्हीं कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने पहले UPS को चुना हुआ है।
स्विचिंग का समय और शर्तें
यह बदलाव रिटायरमेंट से पहले एक निश्चित समय सीमा में ही किया जा सकता है। कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख से एक साल पहले तक इस ऑप्शन का लाभ उठा सकते हैं। वहीं, जो कर्मचारी वॉलंटरी रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, उन्हें रिटायरमेंट से तीन महीने पहले तक यह निर्णय लेना होगा। ध्यान रहे कि उन कर्मचारियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है या जो नौकरी से हटाए जा रहे हैं।
UPS और NPS: दोनों में क्या फर्क?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक ऐसी योजना है जिसे सरकार ने अप्रैल 2025 से लागू किया है, जिसमें कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन दी जाती है। वहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) बाजार आधारित योजना है, जहां पेंशन की राशि निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इसलिए, NPS में रिटर्न अधिक हो सकता है, लेकिन यह निश्चित नहीं होता। सरकार ने अब कर्मचारियों को यह विकल्प दिया है कि वे अपनी जरूरत के अनुसार तय कर सकें कि उन्हें स्थिर पेंशन चाहिए या निवेश आधारित पेंशन योजना में जाना है।
सरकार का योगदान और कर्मचारियों को मिलने वाले फायदे
जो कर्मचारी UPS छोड़कर NPS में आते हैं, उन्हें UPS के तहत सरकार का 4% अतिरिक्त योगदान भी NPS फंड में मिलेगा। दोनों योजनाओं में टैक्स संबंधी लाभ भी प्रदान किए गए हैं। UPS चुनने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट और डेथ ग्रैच्युटी जैसे अतिरिक्त फायदे भी मिलते हैं। यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है, तो उसे CCS पेंशन नियम 2021 या Extraordinary Pension Rules 2023 के तहत सुरक्षा लाभ मिलते हैं।
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