पासपोर्ट पावर 2025: वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी छलांग

नई दिल्ली। दुनियाभर के नागरिकों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा की स्वतंत्रता को आंकने वाले हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की नई रैंकिंग सामने आ चुकी है, और इस बार भारत के लिए यह ख़बर गर्व से भरी है। भारत ने पासपोर्ट ताकत की इस रैंकिंग में चार स्थान की छलांग लगाते हुए 76वें स्थान पर जगह बना ली है। यह उछाल न केवल संख्यात्मक है, बल्कि भारत की वैश्विक छवि और रणनीतिक कूटनीति की भी झलक देता है।

58 देशों में वीजा-फ्री एंट्री

अब भारतीय पासपोर्टधारक 58 देशों में बिना वीज़ा के प्रवेश कर सकते हैं। बीते वर्षों की तुलना में यह संख्या और रैंक दोनों में सुधार का संकेत है। साल 2024 में भारत 80वें स्थान पर था, और उस समय वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा कुछ कम गंतव्यों तक सीमित थी। यह बदलाव भारत की विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और वैश्विक मंचों पर बढ़ती सक्रियता की सफलता का परिणाम है।

अमेरिका की गिरावट, सिंगापुर का दबदबा

जहां एक ओर भारत ऊपर की ओर बढ़ा है, वहीं दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक, अमेरिका, इस साल की रैंकिंग में गिरावट का सामना कर रहा है। अमेरिका अब आइसलैंड और लिथुआनिया के साथ संयुक्त रूप से 10वें स्थान पर आ गया है। यह बीते दो दशकों में अमेरिका की सबसे कम रैंकिंग मानी जा रही है।

दूसरी ओर, सिंगापुर ने एक बार फिर अपनी स्थिति मजबूत करते हुए विश्व का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बनने का गौरव हासिल किया है। सिंगापुर के नागरिक अब 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी का उच्चतम स्तर है।

शीर्ष देशों की स्थिति एक नज़र में:

सिंगापुर: 193 गंतव्य (1वां स्थान)

जापान, दक्षिण कोरिया: 190 गंतव्य (2 स्थान)

जर्मनी, फ्रांस, इटली आदि: 189 गंतव्य (3 स्थान)

स्वीडन, ऑस्ट्रिया आदि: 188 गंतव्य (4था स्थान)

स्विट्ज़रलैंड, ग्रीस, न्यूजीलैंड: 187 गंतव्य (5वां स्थान)

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