SCO में पीएम मोदी: चीन-पाक को साफ संदेश, अमेरिका को भी सुनाया!

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर न सिर्फ भारत की आवाज बुलंद की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच से एक स्पष्ट और साहसी संदेश भी दिया की आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा, चाहे सामने कोई भी देश क्यों न हो।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग रुख

सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए इसे न सिर्फ भारत की आत्मा पर हमला बताया, बल्कि मानवता के लिए भी एक गंभीर चुनौती कहा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई भी ‘दोहरा मापदंड’ भारत को स्वीकार नहीं है। यह बयान तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब यह शिखर सम्मेलन पाकिस्तान की उपस्थिति में हो रहा था, जो स्वयं एससीओ का स्थायी सदस्य है।

एससीओ के मंच से चीन को भी संकेत

मोदी ने एससीओ की परिभाषा को एक नए नजरिए से प्रस्तुत करते हुए कहा की ‘एस’ का मतलब सिक्योरिटी (सुरक्षा) और ‘ओ’ का मतलब ऑपर्च्युनिटी (अवसर) है। इस नई परिभाषा के जरिए उन्होंने इशारों-इशारों में चीन को यह साफ कर दिया कि एससीओ किसी एक देश के प्रभाव का मंच नहीं है, बल्कि यह साझा सुरक्षा और सहयोग का संगठन है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन बार-बार पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक और सामरिक रिश्ते मजबूत करता नजर आता है, चाहे वह ऑपरेशन सिंदूर के समय पर्दे के पीछे का समर्थन हो या संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर कार्रवाई रोकना हो।

अमेरिका को भी सुनाया

पीएम मोदी ने अपनी बातों में अमेरिका की ओर भी परोक्ष रूप से इशारा किया, जो अक्सर आतंकवाद पर ‘नीतिगत लचीलापन’ दिखाता है, विशेष रूप से पाकिस्तान के मामले में। टैरिफ और वित्तीय सहयोग जैसे मुद्दों पर अमेरिका का नरम रवैया भारत को अक्सर खटकता रहा है। ऐसे में मोदी का यह वक्तव्य उन सभी ताकतवर देशों के लिए था जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में गंभीरता से खड़े नहीं होते।

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