सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
राज्य के परिवहन आयुक्त बी.एन. सिंह ने स्पष्ट किया कि यह अभियान पूर्णतः सार्वजनिक हित में है और इसका मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षित बनाना है। आंकड़ों की बात करें तो देश में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा प्रभावित दोपहिया वाहन चालक होते हैं। इनमें भी अधिकांश मौतें सिर पर चोट लगने की वजह से होती हैं, जो कि एक साधारण हेलमेट से रोकी जा सकती थीं।
पेट्रोल पंप पर होगी सख्ती
IOCL, BPCL और HPCL सहित सभी प्रमुख तेल विपणन कंपनियों से सहयोग मांगा गया है, ताकि राज्य के हर कोने में यह नियम प्रभावी रूप से लागू हो। पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वह बिना हेलमेट आए किसी भी ग्राहक को पेट्रोल न दें। इसकी निगरानी खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से की जाएगी, जबकि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस अभियान की जागरूकता को फैलाने का काम करेगा।
मोटर वाहन अधिनियम का पालन अनिवार्य
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के अनुसार दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। वहीं, अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो धारा 194D के तहत उसे दंडित किया जा सकता है। यह नियम केवल कानून का पालन कराने के लिए नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा के लिए बनाया गया है।
सिर्फ नियम नहीं, सामाजिक ज़िम्मेदारी
इस अभियान के माध्यम से योगी सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सड़क सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है। पुलिस, परिवहन विभाग, राजस्व प्रशासन, नागरिक समाज और उद्योग जगत सभी को मिलकर इस प्रयास को सफल बनाना होगा।
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